भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट प्रतिद्वंद्विता हमेशा से ही अपने चरम पर रही है। जब भी इन दोनों टीमों के बीच कोई मैच होता था तो खिलाड़ी क्रिकेट के अलावा माइंड गेम खेलने के लिए स्लेजिंग का भी सहारा लेते थे। पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज भी इसमें पीछे नहीं थे। मोरे 1989 की सीरीज को याद करते हुए बताया कि वह को उन्हीं की भाषा में जवाब देने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद मलिक ने उन्हें धमकाया था और वह उन्हें बैट से मारना चाहते थे।
मोरे ने एक पोडकास्ट कार्यक्रम ‘द ग्रेटेस्ट राइवलरी’ में उस सीरीज को याद करते हुए बताया, ‘विश्व क्रिकेट में भारत-पाकिस्तान की प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। इस कड़ी प्रतिद्वंद्विता के चलते ही स्टेडियम खचाखच भरे रहते हैं और मैदान पर भी खिलाड़ियों में गरमागरमी देखने को मिलती है।’
मोरे ने सलीम मलिक के साथ एक गरमागरम किस्से को याद करते हुए बताया, ‘1989 में हम पाकिस्तान दौरे पर गए थे। मैंने सलीम मलिको को कराची टेस्ट में स्लेज किया था और वह मुझे बैट से मारने के लिए आ गए। मैंने उनसे पंजाबी में बहुत ही घातक शब्द कहा था क्योंकि हमारी यह आम बोलचाल की भाषा थी।’
उन्होंने कहा, ‘यह बड़ी ही मजेदार घटना थी। अगर उस दौर में स्टंप्स पर माइक्रोफोन होते तो यह सभी के लिए मजेदार घटना बन सकती थी।’ इस बीच उन्होंने की भी एक वाक्ये को याद किया। उन्होंने बताया मियांदाद अपने करियर का 100वां टेस्ट लाहौर में हमारे खिलाफ खेल रहे थे। जब वह बैटिंग पर आए तो मनिंदर सिंह बोलिंग पर थे।’
मोरे ने बताया, ‘तीसरे या चौथे ओवर में मनिंदर की एक गेंद मियांदाद के पैड पर जा लगी और यह गेंद घुटने से नीचे स्टंप्स के सामने की ओर थी। मैंने तेज अपील की, जिसे अंपायर ने नकार दिया। इसके बाद मियांदाद ने मुझसे कहा कि क्यों अपील कर रहे हो। यह मेरा 100वां टेस्ट है और मैं यहां शतक जड़कर घर जाऊंगा।’ मियांदाद ने इस मैच में 145 रन की पारी खेली।