विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी करने में छह दशक लगा देने को लेकर अमेरिका पर जबर्दस्त तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अब भारत की कीमत समझी है, उम्मीद है कि अब अमेरिका को अपने गुना-गणित के हिसाब से भी भारत की दोस्ती ठीक लग रही होगी। जयशंकर ने इशारों-इशारों में यह बात इंडिया ग्लोबल वीक 2020 में बातचीत के दौरान कही।
एक तीर से दो शिकार, US-चीन दोनों पार
स्वाभाविक है कि भारत-अमेरिका के रिश्तों की मजबूती के हवाले से चीन को भी साफ संदेश मिल गया। यानी, विदेश मंत्री ने एक तीर से दो-दो शिकार कर डाले। एक तरफ अमेरिका पर तंज तो दूसरी तरफ चीन को चेतावनी। उन्होंने कई अन्य देशों संग भारत के बेहतरीन संबंधों का भी जिक्र किया। अमेरिका के सवाल पर विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले चार राष्ट्रपतियों ने भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने पर बल दिया और इसी का नतीजा है कि आज दोनों देशों के संबंध बेहद मजबूत हैं। जयशंकर ने कहा, ‘यूएस के कम से कम चार राष्ट्रपति- बराक ओबामा, जॉर्ज बुश, डोनाल्ड ट्रंप और बिल क्लिंटन, सभी इस बात पर सहमत थे कि भारत के साथ संबंध मजबूत किए जाएं जबकि कोई भी चार व्यक्ति एक जैसा नहीं हो सकते।’
‘अमेरिकी समीकरण पर भी खरा उतरेगी भारत की दोस्ती’विदेश मंत्री ने कहा कि ‘भारत-अमेरिका के रिश्तों की दिशा क्या हो, यह सुनिश्चित होने में 6 दशक लग गए, मगर बीते वक्त में हुए नुकसान की भरपाई भी हो रही है।’ विदेश मंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा, ‘उम्मीद है कि अमेरिका के लिए भारत की दोस्ती उस गुना-गणित के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगी जिसके जरिए वह दुनिया को तौला करता है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हो सकता है इसमें (रिश्तों में मजबूती) से कुछ हमारे चार्म की वजह से हुआ हो मगर मुझे लगता है कि इसमें उनकी सोच की बड़ी भूमिका है। हमारे और अमेरिका के बीच बड़े गहरे राजनीतिक, रणनीतिक, सुरक्षा, तकनीक, डिफेंस और आर्थिक रिश्ते हैं।’
कई देशों से रिश्तों का दिया हवालाविदेश मंत्री ने सिर्फ अमेरिका ही नहीं, दुनिया के कई देशों से भारत के रिश्तों पर टिप्पणी की। ब्रेक्जिट को लेकर उन्होंने कहा कि ‘भारत मल्टीपल UKs- यूरोपियन UK, ट्रांसअटलांटिक UK, हिस्टॉरिकल UK, डायस्पोरा UK, सिटी ऑफ लंदन UK और इनोवेटिव UK समेत पूरे स्पेक्ट्रम को ध्यान में रखेगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बेहतर होते सबंधों के पीछे उन्होंने मजबूत सांगठनिक और नीतिगत बदलावों को वजह बताया। सिंगापुर को भारत के लिए दुनिया की नब्ज करार देते हुए विदेश मंत्री ने उसके साथ अनूठे संबंधों को रेखांकित किया।
कोरोना के बाद कैसी होगी दुनिया?जयशंकर ने कहा कि ‘कोरोना वायरस से पहले दुनिया ने जो ट्रेंड देखे, वे कोविड के बाद की दुनिया में और तेजी से बढ़ सकते हैं। यहां तक कि कोरोना के जवाब में ही, हमने पिछले छह महीनों में देख लिया कि कई देश अब राष्ट्रवादी व्यवहार कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं एक ऐसी दुनिया देखता हूं जहां तीखे वाद-विवाद होंगे। मुझे लता है कि भरोसे की बात होगी। बेहतरीन सप्लाई चेन पर सवाल होंगे। दुनिया और मुश्किल होने वाली है।’
जयशंकर ने बताई डिसएंगेजमेंट की वजहभारत-चीन के बाद सीमा पर तनाव को लेकर विदेश मंत्री ने पहली बार सार्वजनिक मंच से बयान दिया है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि ‘सीमा पर डिसएंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन प्रोसेस पर सहमति बनी है और यह अभी शुरू ही हुआ है।’ उन्होंने कहा कि दोनों बातों पर अभी काम चल रहा है। विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि दोनों देशों ने अपने-अपने सैनिक वापस बुलाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, “हम डिसएंगेज करने पर इसलिए सहमत हुए क्योंकि सैनिक एक-दूसरे के बेहद करीब तैनात हैं।