100 मीटर दौड़ की नैशनल रेकॉर्ड होल्डर इस रनर ने कहा, ‘प्रशिक्षण अब तक काफी अच्छा चल रहा है। मैं यहां भुवनेश्वर में प्रशिक्षण ले रही हूं। इससे पहले प्रशिक्षण के लिए धन से संबंधित कोई समस्या नहीं थी, क्योंकि तोक्यो ओलिंपिक शेड्यूल था और हमारी राज्य सरकार ने मुझे सम्मानित किया था। लेकिन कोरोनो वायरस के कारण ओलिंपिक स्थगित कर दिया गया और प्रायोजकों से मिले पैसे खर्च हो गए।’
उन्होंने कहा, ‘अब ओलिंपिक क्वॉलिफाइ करने के लिए मेरे पास समय बेहद कम है। ऐसे में मुझे प्रशिक्षण के लिए धन की आवश्यकता है। साथ ही नए स्पॉन्सर्स की भी जरूरत है, लेकिन कोरोनो वायरस की वजह से ढूंढना मुश्किल हो रहा है। इसलिए मैंने अपनी कार बेचने का फैसला किया है।’ बता दें कि उन्हें हाल ही में अर्जुन पुरस्कार 2020 के लिए नामांकित किया गया है।
उन्होंने कहा कि COVID-19 ने खेल पर भारी प्रभाव डाला है और प्रायोजक इस समय उनका सपॉर्ट करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस के मुश्किल समय में सरकार से पैसा मांगना अच्छा नहीं लग रहा। इस वायरस ने हम सभी को प्रभावित किया है। फिलहाल कोई टूर्नमेंट नहीं है तो स्पॉन्सर्स नहीं मिल पा रहे हैं।’
दो बार के एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता 24 वर्षीय स्प्रिंटर का मानना है कि सर्वश्रेष्ठ फिटनेस स्तर हासिल करने में लगभग 7 महीने लगेंगे। उन्होंने कहा, ‘ऐथलीटों की फिटनेस को कोरोनो वायरस ने प्रभावित किया है। ओलिंपिक एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया। लॉकडाउन में हम सभी घर पर रहने को मजबूर हुए। अब फिटनेस पाने में 6-7 महीने लग जाएंगे।
उन्होंने साथ ही बताया कि कोरोनो वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण दो महीने के ब्रेक के बाद 25 मई को से कलिंगा स्टेडियम में अपना प्रशिक्षण फिर से शुरू किया।