कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने तय किया है कि उनकी किसी स्टेट यूनिवर्सिटी में फिलहाल कोई एग्जाम नहीं () होगा। इसमें फाइनल ईयर के एग्जाम भी शामिल हैं। लोगों को डिग्री यूनिवर्सिटी द्वारा तय मूल्यांकन मापदंडों के हिसाब से दी जाएगी। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आज यह ऐलान किया।
किन-किन यूनिवर्सिटी में नहीं होंगे एग्जाम
दिल्ली सरकार की आईपी यूनिवर्सिटी, आंबेडकर यूनिवर्सिटी, डीटीयू व अन्य संस्थानों में नहीं होंगे एग्जाम। लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) से जुड़े दिल्ली सरकार के कॉलेजों के बारे में केंद्र को फैसला करना होगा। दिल्ली सरकार का मानना है कि ऐसे मे जिस सेमेस्टर को पढ़ाया नहीं गया, उसकी परीक्षा कराना मुश्किल है। सरकार का मानना है कि इस समय में बड़े फैसले लिए जाने है।
केंद्र की यूनिवर्सिटीज के एग्जाम भी हों रद्द: सिसोदिया
मनीष सिसोदिया ने इसकी जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दी। वह बोले कि पूरा सेमिस्टर पढ़ाई नहीं हुई है तो ऐसे में एग्जाम कैसे। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटीज से यह भी कहा गया है कि डिग्री रोककर न रखें। उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के साथ बाकी राज्यों की भी केंद्रीय यूनिवर्सिटीज के एग्जाम कैंसल करवाने के लिए पत्र लिखा है।
इससे पहले एचआरडी मिनिस्ट्री ने सोमवार को ऐलान किया था कि यूनिवर्सिटीज में फाइनल ईयर के एग्जाम सितंबर के आखिर में कराए जाएंगे। ये एग्जाम जुलाई में होने थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से उन्हें सितंबर के आखिर तक के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, यूजीसी की नई गाइडलाइंस के मुताबिक सितंबर में फाइनल ईयर एग्जाम में हिस्सा न लेने वाले स्टूडेंट्स को एक दूसरा मौका मिलेगा और यूनिवर्सिटीज उनके लिए स्पेशल एग्जाम कराएंगी।