चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच भारत का सबसे बड़ा मददगार बने राष्ट्रपति पर पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने शक जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि यदि चीन-भारत सीमा तनाव बढ़ता है कि तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे। अमेरिका ने हर मौके पर खुलकर भारत का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कुछ दिन पहले ही भारत के जवाबी कार्रवाई की तारीफ की थी।
अमेरिका चीन संबंधों को ऐसे देखते हैं ट्रंप
बोल्टन ने एक टेलीविजन चैनल से बातचीत में कहा कि चीन अपनी सभी सीमाओं पर आक्रामक तरीके से व्यवहार कर रहा है, निश्चित तौर पर पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में भी तथा जापान, भारत और अन्य देशों के साथ उसके संबंध खराब हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का किस हद तक समर्थन करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वह क्या निर्णय लेंगे और मुझे नहीं लगता कि उन्हें भी इस बारे में पता है। मुझे लगता है कि वह चीन के साथ भू-रणनीतिक संबंध देखते हैं, उदाहरण के लिए, विशेष रूप से व्यापार के चश्मे से।
कोई गारंटी नहीं कि ट्रंप भारत का समर्थन करेंगे
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ट्रंप नवंबर के चुनाव के बाद क्या करेंगे…वह बड़े चीन व्यापार समझौते पर वापस आएंगे। यदि भारत और चीन के बीच चीजें तनावपूर्ण बनती हैं तो मुझे नहीं पता कि वह किसका समर्थन करेंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि यदि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे, बोल्टन ने कहा कि हां यह सही है।
ट्रंप को भारत चीन झड़पों के इतिहास की जानकारी नहीं
बोल्टन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ट्रंप को भारत और चीन के बीच दशकों के दौरान हुई झड़पों के इतिहास की कोई जानकारी है। बोल्टन ने कहा कि हो सकता है कि ट्रंप को इस बारे में जानकारी दी गई हो, लेकिन वह इतिहास को लेकर सहज नहीं हैं। बोल्टन ट्रंप प्रशासन में अप्रैल 2018 से सितम्बर 2019 तक अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे।
चुनाव के लिए भारत-चीन में शांति चाहते हैं ट्रंप
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि वह अगले चार महीनों के दौरान ऐसी सभी चीजों से परहेज करेंगे जो उनके चुनाव को और जटिल बनाये, जो पहले से ही उनके लिए एक मुश्किल चुनाव है। इसलिए वह (ट्रंप) यह चाहेंगे कि सीमा पर शांति हो, चाहे इससे चीन को लाभ हो या भारत को।