चीन का भरोसा नहीं, LAC पर है सेना की तैयारी

नई दिल्ली
पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष (India-China border clash) के बाद नई दिल्ली के कड़े रुख और कोरोना पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद आखिरकार चीन अब शांति का राग अलापने लगा है। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने दोनों देशों के बीच सदियों पुराने रिश्ते की दुहाई देते हुए कहा है कि हमें प्रतिद्वंद्वी नहीं बल्कि साझेदार बनना चाहिए। खास बात यह है कि उनके लंबे-चौड़े बयान में भारत के हिस्से गलवान वैली पर चीन के दावे का कोई जिक्र नहीं था। पिछले महीने खूनी झड़प की गवाह बनी इस वैली से चीनी सेना पूरी तरह पीछे हट चुकी है।

विश्वास का संकट: चीन पर भरोसा नहीं
LAC पर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तरों पर बातचीत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दोनों देशों के बीच एक और दौर की सकारात्मक राजनयिक बातचीत हुई। हेकड़ी दिखा रहे चीन के सुर अब बदले-बदले से है। LAC पर डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया जारी है। विवाद वाले जगहों से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट रही हैं। हालांकि, चीन के धोखे और छल-कपट के लंबे इतिहास को देखते हुए भारत शायद ही आंख मूंदकर उस पर यकीन करेगा। भारतीय सेना डिसइंगेजमेंट की पूरी प्रक्रिया पर बारीक नजर रखे हुए है।

पढ़ें:

गलवान, गोगरा में पहले जैसी स्थिति बहाल
गलवान और गोगरा इलाके में भारत और चीन की सेनाएं पूरी तरह पीछे जा चुकी हैं। हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग सो में भी दोनों पक्ष के ज्यादातर सैनिक हटा लिए गए हैं। सूत्रों ने हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि दोनों पक्षों ने विवादित इलाकों में कुछ समय के लिए पट्रोलिंग रोकने का फैसला किया है ताकि सैनिकों के बीच झड़प या तकरार न हो। गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के सैनिकों में अभी आक्रोश लाजिमी है लिहाजा झड़प टालने के लिए जरूरी है कि उनके आमना-सामना को टाला जाए।

हॉट स्प्रिंग्स, पैंगोंग सो में भी पीछे हटे ज्यादातर सैनिक
विवादित हॉट स्प्रिंग्स एरिया में दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी सेनाओं को पीछेल बुलाया है। हालांकि, अगले हफ्ते होने वाली अगली कोर कमांडर स्तर की बातचीत तक इस इलाके में दोनों ही देश 50-50 सैनिकों की तैनाती जारी रखेंगे। इसी तरह पैंगोंग सो से सटे फिंगर 4 इलाके में भी दोनों देशों के ज्यादातर सैनिक पीछे हट चुके हैं। यहां चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) फिंगर 5 की तरफ हट रही है।

पढ़ें:

इंडियन आर्मी नहीं लेना चाहती कोई भी चांस
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में हालिया विवाद के केंद्र रहे सभी 4 इलाकों में चरणबद्ध तरीके से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया चल रही है लेकिन अविश्वास एक बड़ा मसला है। उम्मीद की जा रही है कि विवाद वाले इलाकों में धीरे-धीरे दोनों देशों के सैनिक मई से पहले वाली अपनी असली स्थिति में पहुंच जाएंगे लेकिन आर्मी कोई चांस नहीं लेना चाहती लिहाजा डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पर वह कड़ी नजर रखे हुए है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *