सशस्त्र बलों को लेकर PAC की बैठक

नयी दिल्ली पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाल ही में हुई हिंसक झड़प की पृष्ठभूमि में संसद की लोक लेखा समिति (पीएससी) ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के आसपास सीमावर्ती सड़कों के निर्माण और सशस्त्र बलों के लिए ऊंचाई वाले क्षेत्र में पहने जाने वाले कपड़ों की खरीद की समीक्षा करने का शुक्रवार को निर्णय लिया और वह इस संदर्भ में जानकारी के लिए रक्षा सचिव एवं अन्य शीर्ष अधिकारियों को बुला सकती है।

शुक्रवार को हुई बैठकशुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता में हुई 22 सदस्यीय पीएसी की बैठक में 20 में से 17 सदस्य पहुंचे। फिलहाल इस समिति में दो सीटें खाली हैं। पीएसी के सदस्यों ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री केयर्स फंड को जांच के लिए चुनने की चौधरी की कोशिश विफल कर दी कि उसकी राशि को संसद से मंजूरी नहीं मिली है इसलिए समिति उस पर गौर नहीं कर सकती है।

बीजद, जदयू से दिया साथसमिति में भाजपा बहुमत में है और उसके अगुवा पार्टी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव हैं। पीएम केयर्स फंड के मुद्दे पर भाजपा का साथ बीजद और जदयू के सदस्यों ने भी दिया। इस बीच पीएसी ने विभिन्न विषयों की जांच करने का फैसला किया जिसमें 2017 की कैग रिपोर्ट नंबर पांच, भारत चीन सीमा सड़क का परफॉर्मेन्स ऑडिट, 2019 की कैग रिपोर्ट नंबर 13 पर विशेष बल दिया जा रहा है जो सैनिकों के वास्ते ऊंचाई क्षेत्र वाले कपड़ों, उपकरण, राशन और आवास सुविधा से संबंधित हैं।

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हाल के टकराव की पृष्ठभूमि में 2017 की कैग रिपोर्ट नंबर पांच में ‘‘सीमा सड़क संगठन द्वारा भारत चीन सीमा सडक़ों के निर्माण के अति महत्वपूर्ण मुद्दे की चर्चा है और ऐसा जान पड़ता है कि इस बैठक के एजेंडे पत्र के अनुसार ‘इसकी समीक्षा होने की संभावना है।’’

लोकसभा की स्थायी समिति की यह दूसरी बैठकएजेंडा पत्र के अनुसार, इसी तरह सियाचिन और लद्दाख जैसे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सैनिकों को कपड़े, उपकरण और विशेष राशन एवं आवास सुविधा की जरूरत है और 2019 की कैग रिपार्ट नंबर 13 में इन क्षेत्रों के सैनिकों को इन चीजों की आपूर्ति में देरी का जिक्र है। समिति के सूत्रों ने बताया कि पीएसी इन विषयों पर जानकारी के लिए रक्षा सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारियों को बुला सकती है। शुक्रवार की बैठक चालू कैलेंडर वर्ष में इस समिति की पहली बैठक थी। यह बैठक इस मायने में अहम है क्योंकि कोविड-19 महामारी के चलते संसद का बजट सत्र समय से पहले ही स्थगित किये जाने के बाद लोकसभा की स्थायी समिति की यह दूसरी बैठक है।

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