से महामारी से अब तक 5,57,416 लोग मारे गए हैं। अब एक ताजा शोध से खुलासा हुआ है कि कोरोना महामारी और उसके प्रसार को रोकने में दुनिया को करीब 3.8 ट्रिल्यन डॉलर खर्च करना पड़ा है। यही नहीं कोरोना महामारी की वजह से करीब 14 करोड़ 70 लाख लोगों की नौकरियां चली गई हैं। सिडनी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने यह विस्तृत आंकड़ा जारी किया है।
शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा ट्रेवल इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा है। इसकी वजह यह रही कि कोरोना की वजह से उड़ानों को रद्द किया गया और दुनियाभर के देशों खासतौर पर एशिया, यूरोप और अमेरिका ने अपने दरवाजे पर्यटकों के लिए बंद कर दिए। वास्तव में दुनियाभर में उड़ानों के रद्द होने से आर्थिक संकट पैदा हुआ और इससे व्यापार, पर्यटन, ऊर्जा और वित्तीय सेक्टर में बड़ा उथल-पुथल मच गया।
ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में सबसे ज्यादा कमी
शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना से वैश्विक नुकसान अभी और बढ़ सकता है क्योंकि लॉकडाउन के कदम अभी भी जारी हैं। हालांकि अगर इसे जल्दी हटा लिया गया तो इसका लंबे समय तक तथा और ज्यादा गंभीर आर्थिक दुष्प्रभाव होगा। हालांकि कोरोना वायरस का एक सकारात्मक संकेत आया है। कोरोना की वजह से मानव इतिहास में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में अब तक की सबसे ज्यादा कमी आई है।
शोध में कहा गया है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनिया में 14 करोड़ 70 लाख लोग बेरोजगार हो गए हैं। वैश्विक आर्थिक संकट की वजह यह है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था आपस में जुड़ी हुई है। दुनिया में खपत में 4.2 प्रतिशत की कमी आई है जो करीब 3.8 ट्रिल्यन डॉलर है। यह जर्मनी के कुल जीडीपी के बराबर है।