जख्म पर मरहम लगाने में जुटे भारत-चीन

नई दिल्लीभारत और चीन पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को हुई खूनी झड़प के बाद बिगड़े माहौल को शांत करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इसी क्रम में दोनों देशों के के बीच सीमा मामलों पर परामर्श एवं समन्वय के लिए कार्य प्रणाली की 16वीं बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में दोनों देशों ने कूटनीतिक वार्ता में पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा से पीछे हटने की प्रक्रिया में प्रगति की समीक्षा की। दोनों पक्ष द्विपक्षीय रिश्तों को प्रगाढ़ करने पर भी बल दिया ताकि सीमाई इलाकों में शांति और संयम का वातावरण और गहरा हो।

संबंध प्रगाढ़ करने की कवायद
विदेश मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी कर कहा कि चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी करने के लिहाज से आगे के कदमों पर चर्चा के लिए जल्द बातचीत करेंगे। सीमा वार्ता पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने जल्द समाधान के लिए राजनयिक, सैन्य स्तर पर संवाद कायम रखने की सहमति जताई। दोनों पक्ष एलएसी से सैनिकों का पीछे हटना सुनिश्चित करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में दीर्घकालिक शांति बनाए रखना जरूरी है।

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समझौतों पर चर्चा
इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशिया मामलों के संयुक्त सचिव ने की जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल के अगुवा चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री विभाग के महानिदेशक थे। दोनों पक्षों ने 17 जून को भारत-चीन के विदेश मंत्रियों और 5 जुलाई को दोनों तरफ के विशेष प्रतिनिधियों के बीच फोन से हुई बातचीत में बनी सहमतियों की चर्चा की।

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