चीन से बढ़ा तनाव, 'ब्रह्मास्त्र' बना रहा जापान

टोक्यो
पूर्वी चीन सागर में द्वीपों को लेकर बढ़ते विवादों के बीच जापान को बनाने की तैयारी कर रहा है। ये मिसाइल समुद्र में चीन के किसी भी प्रकार के हिमाकत का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम होगी। चीनी शिप में लगे रडार जब तक इस मिसाइल के बारे में पता लगाएंगे तबतक यह प्रलय बनकर उनके युद्धपोतों को डुबा देगी।

जापानी उप रक्षा मंत्री ने शेयर की तस्वीर
जापानी उप रक्षा मंत्री तोमोहीरो यमामोटो ने टोक्यो के पास स्थित रिसर्च सेंटर फॉर एविएशन एंड रॉकेट टेक्नोलॉजी का दौरा करने के बाद इस घातक मिसाइल की फोटो को खुद शेयर किया। उन्होंने कहा कि मैंने यहां जापान के नेक्स्ट जेनरेशन फाइटर, लाइटवेट एयरक्राफ्ट स्ट्रक्चर, स्टेल्थ टेक्नोलॉजी ऑफ वेपन रिलीज, जेट इंजन और स्क्रेमजेट इंजन के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त की।

स्क्रैमजेट इंजन से बनेगी हाइपरसोनिक मिसाइल
जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उप रक्षा मंत्री ने जानबूझकर इन तस्वीरों को शेयर किया। जिसमें सबसे अधिक चर्चा स्क्रैमजेट इंजन की हो रही है। स्क्रैमजेट इंजन वह तकनीक है जिसका उपयोग इस भविष्य की एंटी-शिप मिसाइल के लिए किया जाएगा। समुद्र में चीन और जापान के बीच तनाव चल रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि जापानी उप रक्षाा मंत्री ने चीन को निशाना बनाकर यह ट्वीट किया।

2019 से शुरू हुआ था यह प्रोजक्ट
बताया जा रहा है कि जापान ने हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल बनाने की शुरुआत 2019 से की थी। जिसके अगले कुछ साल में तैयार होने की उम्मीद है। इस मिसाइल में ड्यूअल मोड स्क्रेमजेट इंजन प्रयोग किया जाएगा। जो मिसाइल को मैक 5 से भी तेज गति से उड़ाने में सक्षम होगा। आम तौर पर दुनिया में गिनी चुनी मिसाइल ही स्क्रैमजेट तकनीक पर काम करती है।

द्वीपों को लेकर जापान से भिड़ा चीन
चीन और जापान में पूर्वी चीन सागर में स्थित द्वीपों को लेकर आपस में विवाद है। दोनों देश इन निर्जन द्वीपों पर अपना दावा करते हैं। जिन्हें जापान में सेनकाकु और चीन में डियाओस के नाम से जाना जाता है। इन द्वीपों का प्रशासन 1972 से जापान के हाथों में है। वहीं, चीन का दावा है कि ये द्वीप उसके अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जापान को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। इतना ही नहीं चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी तो इसपर कब्जे के लिए सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दे चुकी है।

जापानी नेवी करती है इन द्वीपों की रखवाली
सेनकाकू या डियाओस द्वीपों की रखवाली वर्तमान समय में जापानी नौसेना करती है। ऐसी स्थिति में अगर चीन इन द्वीपों पर कब्जा करने की कोशिश करता है तो उसे जापान से युद्ध लड़ना होगा। हालांकि दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी सैन्य ताकत वाले चीन के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा। पिछले हफ्ते भी चीनी सरकार के कई जहाज इस द्वीप के नजदीक पहुंच गए थे जिसके बाद टकराव की आशंका भी बढ़ गई थी।

चीन समुद्र में चला रहा पावर गेम
साउथ चाइना सी में ‘जबरन कब्‍जा’ तेज कर दिया है। पिछले रविवार को चीन ने साउथ चाइना सी की 80 जगहों का नाम बदल दिया। इनमें से 25 आइलैंड्स और रीफ्स हैं, जबकि बाकी 55 समुद्र के नीचे के भौगोलिक स्‍ट्रक्‍चर हैं। यह चीन का समुद्र के उन हिस्‍सों पर कब्‍जे का इशारा है जो 9-डैश लाइन से कवर्ड हैं। यह लाइन इंटरनैशनल लॉ के मुताबिक, गैरकानूनी मानी जाती है। चीन के इस कदम से ना सिर्फ उसके छोटे पड़ोसी देशों, बल्कि भारत और अमेरिका की टेंशन भी बढ़ गई है।

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