गावसकर उन बच्चों की मदद के लिए आएं हैं, जिनके माता-पिता खुद इस तरह का इलाज नहीं करा सकते हैं। वह 35 नंबर चुनते हैं, क्योंकि यह भारत के लिए उनके शतकों की संख्या है। उन्होंने इस बारे में कहा, ‘जरूरत के कई क्षेत्र हैं, जहां कोई भी सेवा कर सकता है। बच्चों अपने आप में विशेष स्थान रखते हैं। सभी परिवार उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद और खुशी की उम्मीद करते हैं।’
अपने इस फैसले के पीछे की प्रेरणा बताते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान ने कहा, ‘अफसोस की बात है कि भारत में जन्म के समय से ही सबसे सामान्य रोग हृदय रोग है। उनमें से अधिकांश गरीब हैं और देश में देखभाल सीमित है। ‘द हार्ट टू हार्ट फाउंडेशन’ के लिए मैं काम करता हूं, जो इन सैकड़ों बच्चों को जीवन का तोहफा प्रदान करता है।’
उन्होंने आगे कहा- श्री सत्य साई संजीवनी सेंटर फॉर चिल्ड्रेन हार्ट केयर रायपुर, पलवल, हरियाणा और खारघर, नवी मुंबई में है। इलाज फ्री ऑफ कॉस्ट है। कर्म का मोटो सिर्फ एक है- ओनली दिल, नो बिल।
बता दें कि सुनील गावसकर ने कोरोना के खिलाफ जंग के लिए 59 लाख रुपए दान किए थे। दरअसल, सुनील गावसकर ने देश के लिए खेलते हुए कुल 35 शतक लगाए। इसमें 34 टेस्ट और एक वनडे अंतरराष्ट्रीय शतक शामिल है। इसलिए उन्होंने 35 लाख रुपए की राशि पीएम केयर्स फंड में दान की थी। इस तरह उन्होंने बॉम्बे के लिए 24 शतक लगाए थे। इसलिए उन्होंने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय को 24 लाख रुपए दान किए।