विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल की चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ रविवार को हुई बातचीत की जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि एनएसए डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री यी से (LAC) और आसपास के इलाकों को लेकर भारत के नजरिए से स्पष्ट शब्दों में अवगत करवा दिया।
जब डोभाल ने यी से दोटूक कही यह बात
श्रीवास्तव ने कहा, ‘डोभाल ने यी से बातचीत में गलवान वैली समेत एलएसी के आसपास की स्थिति पर भारत के नजरिए से वाकिफ करवा दिया है। बातचीत में डोभाल ने जोर देकर कहा कि भारतीय सैनिक बॉर्डर मैनेजमेंट के प्रति हमेशा बेहद जिम्मेदाराना व्यवहार करते हैं।’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने भविष्य में इस तरह की घटना टालने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘डोभाल और यी इस बात पर सहमत हुए कि भविष्य में सीमा पर शांति भंग होने की किसी भी आशंका को खारिज करने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए।’
शांति और संयम हमारा लक्ष्य: विदेश मंत्रालय
पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन-भारत लद्दाख सैन्य और राजनयिक अधिकारी सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपनी बैठकें जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम अब भी सीमाई इलाकों में शांति और संयम के साथ-साथ बातचीत के जरिए मतभेदों के समाधान की जरूरत की अहमियत देते हैं। एलएसी को सीमाई इलाकों में शांति और संयम का आधार मानते हुए इसका गंभीरता से सम्मान किया जाना चाहिए।’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’
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…तब सीन में आए डोभाल
ध्यान रहे कि 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की तरफ से धोखे से किए गए वार में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस खूनी झड़प में चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने की खबर है। इस घटना के बाद भारत-चीन के बीच 5 मई से जारी तनाव चरम पर पहुंच गया। बाद में एनएसए अजित डोभाल की अपने समकक्ष वांग यी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत हुई और दोनों देश अपने-अपने सैनिकों को विवादित जगहों से पीछे हटाने पर राजी हुए।