चीन से लगी सीमा पर तनाव के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (BRO) ने छह महत्वपूर्ण पुल बना लिए हैं। रणनीतिक रूप से बेहद अहम ये पुल जम्मू और कश्मीर में स्थित हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इनका वर्चुअल उद्घाटन किया। करीब 43 हजार करोड़ की लागत से बने इन छह पुलों में से चार अखनूर सेक्टर में हैं, बाकी जम्मू में। इन पुलों के शुरू होने के बाद से बॉर्डर एरियाज तक कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। यानी जरूरत पड़ने पर सेना को बाई रोड भी आसानी से मूव कराया जा सकता है। फिलहाल भारत-चीन बॉर्डर पर थोड़ी शांति है और दोनों सेनाएं पीछे हटी हैं मगर चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तनावपूर्ण हालात के बीच इन पुलों का शुरू होना भारत के डिफेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर करेगा।
ये हैं छह नए पुलतारनाह में 160 मीटर का पुल
तारनाह में 300 मीटर का दूसरा पुल
पलवान में 91 मीटर का पुल
घोड़ावाला में 151 मीटर का पुल
पहाड़ीवाला में 61 मीटर का पुल
पनयाली में 31 मीटर का पुल
लेह के पास बने हैं तीन नए पुलBRO की तरफ से बॉर्डर एरियाज में इन्फ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर किया जा रहा है। ये सारे पुल 30 मीटर से 300 मीटर लंबाई वाले हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इन पुलों का उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन के वक्त सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद रहे। BRO ने लेह के पास तीन पुल बनाए हैं। ये पुल सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इनके जरिए सेना के टैंक चीन से विवाद के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
BRO बनाता है सीमाई इलाकों में सड़केंBRO भारत सरकार की वह एजेंसी है जो अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। NH1 पर बनाए गए तीनों पुलों को सिर्फ तीन महीने में ही तैयार किया गया है। ये पुल भारी से भारी वजन उठा सकते हैं। भारतीय सेना और नागरिकों को अब आवाजाही में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
सालभर पहले बनी सड़क ने बढ़ाई चीन की परेशानीलद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है। इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया था। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया।