साउथ चाइना सी में अमेरिका के दो एयरक्राफ्ट कैरियर के युद्धाभ्यास से चीन को इतनी मिर्ची लगी है कि उसकी सरकारी मीडिया रोज बिलबिला रही है। गुरुवार को अमेरिकी युद्धक विमानों के चीनी हवाई क्षेत्र के पास से गुजरने पर सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने ट्रंप प्रशासन को सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इतना ही नहीं, चीनी मीडिया ने दावा किया कि उसकी सेना पहले की अपेक्षा अब ज्यादा ताकतवर है जो अमेरिका को हर क्षेत्र में मात दे सकती है।
अमेरिकी सेना को चीन ने दी चेतावनी
ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि यूएस एयरफोर्स से सैन्य टोही विमानों ने बुधवार को चीन के गुआंगडोंग प्रांत के करीब उड़ान भरी है। इसके अलावा, बुधवार को एक का EP-3E ग्वांगडोंग के तटीय हवाई क्षेत्र के 90 किलोमीटर के दायरे में आ गया था। सरकारी मीडिया ने आगे कहा कि इन छोटी-छोटी घटनाओं से भी क्षेत्र में गंभीर संघर्ष देखने को मिल सकता है।
समुद्र में शक्ति प्रदर्शन कर रहा अमेरिका
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी सेना को भेजकर चीन को उकसाने के लिए ताकत का प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा अमेरिका यह भी देखना चाहता है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (चीनी सेना) इस क्षेत्र में युद्धाभ्यास कर रही है कि नहीं। वे ताइवान और दक्षिण चीन सागर के पास पीएलए की तैनाती को नजदीक से देखना चाहते हैं।
जवाबी कार्रवाई करेगा चीन
चीन की सरकारी मीडिया ने कहा कि अमेरिका के उकसावे ने चीन के हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर रूप से उल्लंघन किया है। यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए बहुत बड़ा खतरा है। अमेरिकी सेना के उकसावों के जवाब में चीन भी अपने लड़ाकू विमानों को हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैनात कर सकता है। इसके अलावा चीनी युद्धपोत अमेरिकी नौसैनिक अभ्यास को देखने के लिए तैनात की जा सकती है।
रिपपैक युद्धाभ्यास को लेकर चीन गुस्सा
17 से 31 अगस्त तक प्रशांत महासागर में होने वाले रिमपैक नेवल एक्सरसाइज को लेकर भी चीन ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उसने कहा कि इससे अमेरिका और चीन के बीच तनाव और भड़केगा। बता दें कि यह दुनिया की सबसे बड़ी नेवल एक्सरसाइज है जिसमें भारत, जापान, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों की नौसेनाएं हिस्सा लेंगी।
अमेरिका को चुकानी होगी कीमत
ग्लोबल टाइम्स ने सीधे तौर पर अमेरिका को चेतावनी देते हुए लिखा कि चीन की सैन्य ताकत वह नहीं है जो बहुत पहले थी। आज यह अधिक मजबूत है। यदि अमेरिकी सेना अभी भी पुराने दिनों की तरह घृणित तरीके से PLA के साथ व्यवहार करती है और इस तरह दोनों पक्षों को चरम स्थितियों की ओर ले जाती है, तो अमेरिकी सेना को अपने गलत कामों की कीमत चुकानी होगी।