चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते जब से राजनयिक संबंध स्थापित हुए हैं, तब लेकर अब तक की सबसे गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आशा जताई कि अमेरिका चीन के बारे में और ज्यादा निष्पक्ष समझ विकसित करेगा और विवेकपूर्ण नीतियां अपनाएगा। उन्होंने दावा किया कि चीन का अमेरिका की जगह लेने या उससे संघर्ष करने का कोई इरादा नहीं है।
वांग ने कहा कि चीन अमेरिका के प्रति नीतियों में उच्च स्तर की स्थिरता और एकरूपता रखता है। साथ ही चीन अमेरिका के साथ गैर-विवादित, बिना किसी संघर्ष के आपसी सम्मान पर आधारित रिश्ते और समन्वय बनाना चाहता है। चीनी विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि अमेरिका के साथ रिश्ते को नए सिरे से बेहतर बनाने पर काम करना चाहिए।
अमेरिका ने चीन की दादागीरी के खिलाफ मोर्चा खोला
चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन न तो चाहता है और न ही अमेरिका बन सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन को बदलने की बजाय हमारे सिस्टम को समझना चाहिए। चीनी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर चीनी दादागीरी के खिलाफ अमेरिका ने चौतरफा हमला बोल रखा है। एक तरफ अमेरिकी जंगी जहाज साउथ चाइना सी में युद्धाभ्यास कर रहे हैं, वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से लेकर विदेश मंत्री माइक पोम्पियो तक ने चीन के विस्तारवादी रवैये के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
कोरोना वायरस की महामारी दुनिया में फैलने को लेकर चीन पर आरोप मढ़ते आ रहे ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि चीन ने अमेरिका और दुनिया का बहुत नुकसान किया है। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी सीमा विवाद को लेकर चीन को जमकर खरीखोटी सुनाई है। उन्होंने कहा कि चीन का कोई भी पड़ोसी देश ऐसा नहीं है जिसके साथ उसका सीमा विवाद न हो। हाल में ही चीन ने भूटान के साथ भी अपने सीमा विवाद का जिक्र किया है। उन्होंने लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर भारत की जवाबी कार्रवाई की भी जमकर तारीफ की।
सीमा विवाद पर भारत ने दिया मुंहतोड़ जवाब: पोम्पियो
भारत-चीन सीमा विवाद पर पोम्पियो ने कहा कि मैंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस बारे में बात की। चीन ने बिना किसी उकसावे के आक्रामक कार्रवाई की और भारत ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने हाल में ही भूटान के साथ सीमा विवाद का जिक्र किया था। हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से लेकर समुद्र में वियतनाम के सेनकाकू द्वीपों तक चीन का सीमा विवाद है। चीन के पास क्षेत्रीय विवादों को भड़काने का एक पैटर्न है। दुनिया को इस तरह की शैतानी करते रहने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
चीन अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा: FBI
अमेरिकी खुफिया जऐंसी एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने कहा है कि चीन हमारे लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि चीन किसी भी तरह से दुनिया की अकेली महाशक्ति बनना चाहता है। क्रिस्टोफर रे ने कहा कि चीन सरकार की जासूसी और सूचनाओं की चोरी अमेरिका के भविष्य के लिए अब तक का लंबी अवधि का सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चीन जासूसी करता है जो अमेरिका के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने साथ ही कहा कि एफबीआई में मौजूदा 5000 सक्रिय काउंटर इंटेलिजेंस मामलों में से आधे चीन से जुड़े हैं।