सरकार के ध्यान न देने से परेशान हैं शेखर
शेखर सुमन लिखते हैं, मुझे ऐसी कोई वजह समझ नहीं आती कि भारत सरकार को सुशांत के लिए रो रहे लाखों दिलों का जवाब नहीं देना चाहिए। हम सिर्फ निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। क्या हम ज्यादा मांग रहे हैं?
परिवार से भी सपोर्ट न मिलने की शिकायत
वहीं दूसरे ट्वीट में शेखर सुमन ने लिखा है, बहुत निराश करने वाली बात है, परिवार का सपोर्ट नहीं, राजनीति का भी सपोर्ट नहीं। हमारे आसपास चीजें अनूकूल नहीं हैं फिर भी तीन हफ्ते बाद तक हमने सुशांत को जिंदा रखा है और ऐसा करते रहेंगे। शायद यह बहुत बड़ा मूवमेंट बनेगा।
सुशांत के पिता से मिल चुके शेखर
शेखर सुमन इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे कि सुशांत ने आत्महत्या की है। उनका कहना है कि कम से कम वह सूइसाइड नोट छोड़कर तो गए होते। उन्हें कई चीजों पर डाउट है और वह इस मामले में सीबीआई जांच चाहते हैं। शेखर सुमन पटना जाकर सुशांत के पिता से भी मिलकर आ चुके हैं।