एमपी कैबिनेट विस्तार हुए 6 दिन हो गया है लेकिन मंत्रियों को काम के लिए अभी तक विभाग नहीं मिले हैं। सीएम ने केंद्रीय नेताओं के साथ दिल्ली में 2 दिनों तक माथापच्ची की भी है। अभी तक विभाग बंटवारे को लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सीएम शिवराज ने अपनी सूची केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दी है। दिल्ली से मुहर लगने के बाद ही एमपी में विभागों का बंटवारा होगा।
बीजेपी ऑफिस में वर्जुअल रैली को संबोधित करने के बाद सीएम ने मीडिया से बात की है। उन्होंने मंत्रियों के विभाग बंटवारे पर कहा है कि मैं हर विभाग का मंत्री हूं और सरकार सुचारू रूप से काम कर रही है। कैबिनेट की बैठक गुरुवार को होने वाली है। सब कुछ होगा।
किसानों से झूठ बोला
सांवेर विधानसभा क्षेत्र में वर्जुअल रैली के दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर जोरदार हमला किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ का वचन था कि एमपी के सभी किसानों का 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया जाएगा। राहुल बाबा कहते थे कि 10 दिन में कर्जा माफ नहीं किया तो सीएम बदल दूंगा। कहां गए बाबा? कमलनाथ, दिग्विजय और राहुल गांधी जवाब दें, झूठ क्यों बोला। कमलनाथ ने अपने वचनपत्र में कर्ज माफी की कोई तारीख तय नहीं की थी, कहा गया था कि सबके ऋण माफ होंगे। बाद में कहा गया कि 31 मार्च 2018 तक के ही ऋण माफ होंगे। ऐसे कैसे मुकर गए कमलनाथ, जनता को जवाब दीजिए।
विभाग को लेकर फंसा है पेंच
दरअसल, एमपी में मंत्रियों के विभाग का बंटवारा आपसी तालमेल न होने की वजह से फंसा हुआ है। खबरों के अनुसार अपने लोगों के लिए कैबिनेट में प्रभावी विभाग चाहते हैं। उनकी मांग पर संगठन में सहमति नहीं बन पा रही है। बीजेपी के केंद्रीय नेता लगातार ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में हैं। एमपी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी उनसे जाकर मुलाकात की थी। हालांकि अभी भी बात नहीं बनी है।