सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका सुनवाई को तैयार हो गया है जिसमें कहा गया है कि देश भर में फर्जी बाबाओं द्वारा कई आश्रम चलाए जा रहे हैं और वहां सैकड़ों महिलाएं एक तरह से फंसी हुई हैं। कोरोना के मद्देनजर निर्देश दिया जाना चाहिए कि आश्रम खाली कराया जाए और का वेरिफिकेशन कराया जाए। उन आश्रम को बंद किया जाए जिसे चलाने वालों पर क्रिमिनल केस दर्ज है। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से इस मामले को देखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट मामले की दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
फर्जी बाबाओं के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए सहमति देते हुए कहा कि देखते हैं कि क्या किया जा सकता है, इससे सबका नाम खराब होता है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल को याचिका की कॉपी देने को कहा और मामले को देखने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में याचिकाकर्ता ने कहा कि उनकी बेटी अमेरिका से पढकर आई है और स्कॉलर है लेकिन वह 2015 से रोहिणी के एक ऐसे ही आश्रम में फंसी हुई है। दिल्ली और देश भर के कई ऐसे आश्रम हैं जिन्हें फर्जी बाबा चला रहे हैं और उन आश्रमों में सैकड़ों व हजारों महिलाएं हैें। ये महिलाएं भोली भाली हैं और चंगुल में फंसी हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को कोरोना के मामले में बढ़ने के बाद बाद जेल में बंद कैदियों के लिए संज्ञान लिया था और जेल में भीड़ कैसे कम हो इसके लिए निर्देश जारी किया था। याची ने कहा कि उनकी बेटी 2015 के जुलाई से आश्रम में है। याचिकाकर्ता ने कहा कि तमाम आश्रम में लोग बेहद गंदगी में रह रहे हैं। ऐसे में उनके स्वास्थ्य को लेकर खतरा है। महिलाएं जबरन आश्रम में रखी जा रही हैं उन्हें ड्रग्स दिया जाता है ताकि ड्रग्स के लत के कारण वह बाहर न जा सकें। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया कि इस तरह के फर्जी बाबाओं द्वारा चलाए जा रहे आश्रम पर कोई अथॉरिटी एक्शन नहीं ले रही है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार ऐसे तमाम अवैध आश्रम और अवैध बिल्डिंग को इजाजत दे रही है। इनको पैसे कहां से आते हैं उनका वेरिफिकेशन नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है और गुहार लगाई गई है कि सरकार से कहा जाए कि वह इस तरह के तमाम आश्रम को खाली करने का निर्देश जारी करें जिन्हें फेक बाबाओं द्वारा चलाया जाता है। कोरोना से बचाव के लिए आश्रम में रह रही महिलाओं को निकाला जाए। तमाम फर्जी बाबाओं के आश्रम का वेरिफिकेशन कराया जाए। सरकार ऐसे आश्रम और संस्थान के लिए गाइडलाइंस जारी करे। उन तमाम आश्रम को बंद किया जाए जिनके संस्थापक के खिलाफ आपराधिक केस हैं।