भोपाल, आठ जुलाई (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हाल ही में मंत्रिपरिषद के विस्तार में भाजपा के वरिष्ठ विधायकों को जगह नहीं मिलने को लेकर पार्टी पर तंज कसते हुए अभिनय से राजनीति में आए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि प्रदेश में पार्टी तीन खेमों महाराज, नाराज और शिवराज में बंट गयी है। सिन्हा ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘क्या आप इस बारे में कुछ कहने जा रहे हैं, सर। मध्यप्रदेश में भाजपा तीन खेमों में बंट गयी। महाराज, नाराज और शिवराज।’’ इस ट्वीट में सिन्हा ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘महाराज’, मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हो सके नेताओं को ‘नाराज’ और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ शामिल लोगों को ‘शिवराज’ कहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री चौहान मंत्रिपरिषद के विस्तार में 28 मंत्रियों को शामिल करने के छह दिन बाद ही मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं कर पाये हैं। नए मंत्रियों ने दो जुलाई ने को शपथ ली थी। मंत्रियों को विभागों के वितरण के संबंध में चर्चा करने और भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से मिलने चौहान नयी दिल्ली गये थे। तीन दिवसीय दिल्ली के दौरे से मंगलवार को भोपाल लौटने के बाद चौहान ने एक सवाल के जवाब में यहां मीडिया को बताया, ”मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया। विभाग अब बंटने वाले हैं।” उन्होंने कहा, ”आज और वर्कआउट करूंगा थोड़ा और जल्दी बांट दूंगा।” हालांकि, चौहान ने मंत्रियों के विभाग बांटने की तिथि नहीं बताई। शिवराज सिंह चौहान द्वारा दो जुलाई को मंत्रिपरिषद के विस्तार में सिंधिया समर्थक गैर विधायकों को भी शामिल किया गया। 22 सिंधिया समर्थकों के मार्च माह में कांग्रेस से बागी होकर विधायक पद से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के बाद प्रदेश में 15 माह पुरानी कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गयी। शिवराज के मंत्रिपरिषद विस्तार में 28 नये मंत्रियों में से 12 सिंधिया समर्थकों को शामिल किये जाने से मंत्री पद न पा सकने वाले भाजपा के वरिष्ठ विधायकों में नाराजगी पैदा कर दी है। भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय विश्नोई ने पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि जबलपुर और रीवा के लोगों में नाराजगी है। चौहान मंत्रिमंडल के विस्तार में 28 नये मंत्रियों को शामिल किया गया है। इसमें 20 कैबिनेट और आठ राज्यमंत्री स्तर के हैं। मुख्यमंत्री चौहान को मिलाकर अब मंत्रि परिषद की संख्या 34 हो गयी है। इसमें कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 14 नेता भी शामिल है। ये सभी मंत्री फिलहाल गैर विधायक हैं और इन्हें आगामी उप चुनाव का सामना करना है। इनमें अधिकांश सिंधिया समर्थक हैं। मार्च माह में कांग्रेस के 22 विधायकों के त्यागपत्र देने और दो विधायकों के निधन के कारण 230 सदस्यीय विधानसभा में कुल 24 सीटें रिक्त हैं। प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। हालांकि निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव की तिथियां अभी घोषित नहीं की है।