सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया गया था कि कुछ प्रभावशाली वकील और याचिकाकर्ता हैं उनको रजिस्ट्री वरीयता देती है और उनका मामला प्राथमिकता के आधार पर लिस्टेड होता है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 100 रुपये का हर्जाना लगाया है।
याचिकाकर्ता का आरोप, प्रभावशाली वकीलों को मिलती है वरीयता
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई थी कि प्रभावशाली वकीलों और याचिकाकर्ताओं का मामला वरीयता के आधार पर लिस्ट होता है। याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी कि रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाए कि वह किसी भी वकील या याचिकाकर्ता को वरीयता न दें। सुप्रीम कोर्ट ने रीपक कंसल पर 100 रुपये का हर्जाना लगाते हुए अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि बार के किसी मेंबर को इस तरह से रजिस्ट्री पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील से कहा है कि आपको इस तरह का आरोप नहीं लगाना चाहिए। हम आपके ऊपर निम्नतम हर्जाना लगा रहे हैं और 100 रुपया हर्जाना लगाते हैं।
19 जून को शीर्ष अदालत ने फैसला रखा था सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर फैसला 19 जून को सुरक्षित रख लिया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आरोप लगाया गया था कि कुछ प्रभावशाली वकीलों और याचिकाकर्ताओं को रजिस्ट्री के अधिकारियों द्वारा वरीयता दी जाती है और उनका केस प्राथमिकता के आधार पर लिस्टिंग की जाती है।
याचिकाकर्ता की यह थी मांग
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण की अगुवाई वाली बेंच ने याचिकाकर्ता की अर्जी खारिज कर दी। याचिकाकर्ता वकील रीपक कंसल की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट, रजिस्ट्री को निर्देश दे कि वह किसी भी प्रभावशाली वकील या याचिकाकर्ताओं को कोई वरीयता न दे।