बोर्ड का पहला विकल्प भारत में ही इसे कराना होगा लेकिन यहां कोरोना वायरस के बढते मामलों को देखकर यह संभव नहीं लगता। अमेरिका और ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मामले भारत में ही हैं। बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, ‘भारत में आईपीएल कराना प्राथमिकता होगी लेकिन अगर यहां नहीं हो सका तो दूसरे विकल्प देखने होंगे। संयुक्त अरब अमीरात , श्रीलंका और न्यूजीलैंड मेजबानी की पेशकश कर चुके हैं।’
साउथ अफ्रीका और यूएई में हो चुका है आयोजित
उन्होंने कहा, ‘हम सभी संबंधित पक्षों के साथ मिलकर फैसला लेंगे। खिलाड़ियों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उस पर कोई समझौता नहीं होगा।’ आईपीएल का 2009 सत्र भारत में आम चुनावों के कारण दक्षिण अफ्रीका में हुआ था। इसके बाद 2014 में इसी कारण से कुछ मैच यूएई में खेले गए थे। लेकिन 2019 में चुनाव के बावजूद आईपीएल भारत में ही हुआ। अगर आईपीएल विदेश में होता है तो अमीरात मेजबानी की दौड़ में सबसे आगे है।
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भारत के लोगों के साथ होगी यह समस्यान्यूजीलैंड भले ही कोरोनामुक्त हो गया है लेकिन भारत और वहां के समय में साढ़े सात घंटे का फर्क है। अगर मैच दोपहर 12.30 पर शुरू होते हैं तो आफिस जाने वाले या घर से ही काम करने वाले भी इसे नहीं देख पाएंगे। हैमिल्टन से आकलैंड के अलावा वेलिंगटन, क्राइस्टचर्च, नेपियर या डुनेडिन हवाई जहाज से ही जाया जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि आईपीएल संचालन परिषद की बैठक की तारीख जल्दी ही बताई जाएगी जिसमें इन सब बातों और चीनी प्रायोजन करार पर चर्चा होगी।
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बोर्ड का चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो से पांच साल का आईपीएल टाइटल प्रायोजन करार है जिससे 2022 तक सालाना 440 करोड़ रुपये मिलने हैं। चीनी निवेश वाली भारतीय कंपनी पेटीएम भी आईपीएल से जुड़ी है।