हुसैन ने उठाए भारत की सिलेक्शन पॉलिसी पर सवाल

नई दिल्ली
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान () का मानना है कि भारतीय टीम के पास बमुश्किल असफल होने वाले शीर्ष क्रम के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के टूर्नमेंटों के लिए वैकल्पिक योजना की कमी है। चाहे वह 2014 में आईसीसी विश्व टी20 हो या 2017 की आईसीसी चैंपियन्स ट्रोफी या इंग्लैंड में 2019 का विश्व कप, प्रत्येक टूर्नामेंट में एक खराब मैच का टीम को खामियाजा भुगतना पड़ा।

हुसैन ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, ‘मैं कहूंगा कि आईसीसी टूर्नामेंटों में परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाना नहीं बल्कि भारत का चयन गलत रहा। यह केवल एक मैच की योजना से जुड़ा हुआ नहीं है।’

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान को लगता है कि सीमित ओवरों की क्रिकेट में कप्तान (Virat Kohli) और उनके साथ उपकप्तान रोहित शर्मा () के शानदार प्रदर्शन से मध्यक्रम हमेशा मुश्किल परिस्थितियों से सामंजस्य बिठाने के लिए तैयार नहीं रहता।

उन्होंने कहा, ‘अगर कोहली और शर्मा आउट हो जाते हैं और स्कोर दो विकेट पर 20 रन हो जाता है तो क्या आपका मध्यक्रम इस परिस्थिति के लिए तैयार है। भारतीय क्रिकेट के लिए यह गलत हो सकता है कि उसका टॉप ऑर्डर बहुत अच्छा है। जब कोहली, शर्मा शतक जड़ते हैं और मध्यक्रम के बल्लेबाजों को मौका नहीं मिलता है तो ठीक रहता है।’

हुसैन का मानना है कि जब भारत शुरू में तीन विकेट गंवा देता है तो उसके पास इसका कोई जवाब नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘और अचानक आप का स्कोर तीन विकेट पर 20 रन हो जाता है और आपको (मध्यक्रम) मिशेल स्टार्क और जोश हेजलवुड का सामना करना होता है और फिर आप संभल नहीं पाते हो। इसलिए इसके लिये ‘प्लान बी’ जरूरी होता है। केवल ‘प्लान ए’ से ही काम नहीं चलता है।’

हुसैन को कोहली का कप्तान के रूप में नजरिया पसंद है जो कि महेंद्र सिंह धोनी से भिन्न है हालांकि कुछ विभाग हैं जिनमें वह भारत के वर्तमान कप्तान से सुधार चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘अब भी कुछ विभाग हैं जिनमें उन्हें सुधार करने की जरूरत है। मैं उसे बदलाव करने वाला व्यक्ति मानता हूं।’

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