इंदौर, छह जुलाई (भाषा) कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिराये जाने को लेकर मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट से यहां रहवासियों की एक बैठक में सवाल पूछने वाली 19 वर्षीय युवती ने सोशल मीडिया पर अपने खिलाफ अभद्र टिप्पणियां किये जाने के मामले में सोमवार को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी। शिकायत में युवती ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले सिलावट से उसके प्रश्न करने के बाद कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर उसके खिलाफ अभद्र टिप्पणियां करते हुए उसके चरित्र पर सवाल उठाये। लसूड़िया पुलिस थाने के प्रभारी इंद्रमणि पटेल ने युवती की शिकायत मिलने की पुष्टि की। उन्होंने बताया, “युवती की शिकायत पर जांच की जा रही है। फिलहाल इस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।” शिकायत दर्ज कराने के बाद युवती ने संवाददाताओं से कहा कि उसने “एक मतदाता के तौर पर” सिलावट से प्रश्न किये थे। लेकिन जब उसने सवाल पूछने के इस वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, तो इसी माध्यम पर कुछ लोगों ने उसके चरित्र के बारे में अफवाहें उड़ाते हुए उसके बारे में अभद्र इस्तेमाल किये। युवती ने कहा, “मैं कोई पत्रकार या कांग्रेस कार्यकर्ता नहीं हूं। मेरा किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है। मैं बस एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं और मैंने अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए सिर्फ आवाज उठायी थी। लेकिन इसके बाद से सोशल मीडिया पर मेरे बारे में घटिया बातें कही जा रही हैं।” सिलावट से युवती के सवाल किये जाने का वाकया कल रविवार का है, जब वह शहर की कुछ टाउनशिप के रहवासियों के साथ उनकी समस्याओं को लेकर बैठक कर रहे थे। इस बैठक में युवती ने सिलावट से सवाल किया, “मैं आपसे एक बात पूछना चाहती हूं। आप पहले कांग्रेस में थे और अचानक भाजपा में आ गये। आपने एक अच्छी-खासी सरकार गिरा दी। कैसा लगा आपको?” वीडियो में युवती के अचानक दागे गये सवाल से सिलावट पहले-पहल असहज दिखायी दिये। हालांकि, उन्होंने जवाब दिया कि वह अब भी आम लोगों के बीच ही बैठे हैं।सिलावट अपनी बात पूरी कर पाते, इससे पहले ही युवती आगे बोलती सुनायी दी, “हम बात करते हैं किसानों की। कुछ दिन पहले आपके (नेता) ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ही ट्वीट किया था कि (पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में) इतने किसानों का कर्जा माफ हुआ है। फिर अचानक सिंधिया ने बोल दिया कि किसी का कर्जा माफ नहीं हुआ।” वीडियो के मुताबिक जल संसाधन मंत्री से युवती के सवाल करने पर जब बैठक में शामिल कुछ लोग रोक-टोक करते हैं, तो वह जोर देकर कहती सुनायी पड़ती है कि “वह भी एक मतदाता है।” गौरतलब है कि सिलावट, सिंधिया खेमे के वफादार नेताओं में गिने जाते हैं। सिंधिया की सरपरस्ती में सिलावट समेत कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गयी थी। इस कारण कमलनाथ को 20 मार्च को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आयी थी।