लेह में बने 3 पुल, चीन बॉर्डर तक जल्द पहुंचेंगे टैंक

लद्दाख
(India-China Border Dispute) के बीच (Border Road Organisation-BRO) ने लेह के पास तीन महत्वपूर्ण पुलों का निर्माण किया है। ये पुल सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि इनके जरिए सेना के टैंक चीन से विवाद के दौरान (LAC) तक आसानी से पहुंच सकेंगे।

बीआरओ भारत सरकार की वह एजेंसी है जो अपने देश के साथ-साथ पड़ोसी मित्र देशों के सीमाई इलाकों में रोड नेटवर्क तैयार करती है। ऑफिसर बी. किशन ने बताया कि NH1 पर बनाए गए तीनों पुलों को सिर्फ तीन महीने में ही तैयार किया गया है। ये पुल भारी से भारी वजन उठा सकते हैं। भारतीय सेना और सिविलियनों को अब आवाजाही में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

भारत-चीन के बीच सीमा विवाद का बड़ा कारण भारत की ओर से लद्दाख में तेजी से सीमा पर सड़क बनाना है। चीन अपने इलाकों में निर्माण करता रहता है लेकिन भारत के निर्माण पर उसे मिर्ची लग जाती है और वह एतराज जताने लगता है।

आपत्तियों से कोई लेना-देना नहीं
लद्दाख सेक्टर में सड़क निर्माण गतिविधियों के लिए लगातार चीन की ओर से की गई आपत्तियों के बारे में पूछने पर BRO ऑफिसर बी. किशन ने कहा कि सीमा सड़क संगठन को आपत्तियों से कोई लेना-देना नहीं है। जो भी काम हमें दिया जाता है वह जल्द से जल्द से पूरा करते हैं।

सालभर पहले बनी सड़क ने बढ़ाई चीन की परेशानी
लद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है। इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया था। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया।

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