राजधानी दिल्ली में कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को आइसोलेट करने के लिए रेलवे की तरफ से खासतौर पर तैयार किए गए आइसोलेशन कोच में अब भी कम ही मरीजों को भेजा जा रहा है। इसकी वजह से तैयार की गई सुविधा का भी पूरा इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
आनंद विहार में जहां 267 आइसोलेशन कोच पूरी तरह तैयार खड़े हैं, वहां तो अभी एक भी मरीज नहीं भेजा गया है। वहीं शकूरबस्ती के आइसोलेशन कोचों में भी 12 दिनों में केवल 49 मरीजों को ही भेजा गया है। यानी हर दिन औसतन चार मरीज ही यहां भेजे जा रहे हैं। इनमें से भी 21 मरीजों को डिस्चार्ज, शिफ्ट या ट्रांसफर कर दिया गया है, जिसके बाद अभी केवल 28 मरीज आइसोलेशन कोच में रह गए हैं।
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आइसोलेशन कोचेज के कम हो रहे इस्तेमाल और दिल्ली में ही अन्य जगहों पर सुविधाजनक बेड्स की बढ़ती तादाद को भी इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। दिल्ली में एक ओर जहां विश्व का सबसे बड़ा सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर शुरू हो चुका है, इसमें पूरी तरह एयर कंडीशंड माहौल में 10 हजार आइसोलेशन बेड्स की व्यवस्था की गई है।
वहीं, डीआरडीओ ने भी 1000 बेड का अस्पताल तैयार किया है, जिसमें 250 आईसीयू बेड्स भी हैं। इसके अलावा एमसीडी, दिल्ली सरकार और कई अन्य संस्थानों से लेकर रेजिडेंशल सोसायटियों तक ने अपने यहां बड़ी संख्या में नए आइसोलेशन बेड्स तैयार कर लिए है।
इसके चलते भी रेलवे के आइसोलेशन कोच में ज्यादा मरीजों को भेजने की जरूरत नहीं पड़ रही है। यही कारण है कि आनंद विहार पर कोच खाली खड़े हुए हैं, तो वहीं शकूरबस्ती में अभी केवल 28 मरीज आइसोलेशन कोच में रह रहे हैं। वैसे रेलवे ने इन दोनों स्टेशनों के अलावा सराय रोहिल्ला, सफदरजंग, शाहदरा, आदर्श नगर, दिल्ली कैंट, बादली और तुगलकाबाद रेलवे स्टेशनों पर भी आइसोलेशन कोच लगाने का इंतजाम कर रखा है।