पीओके में चीन ने पाक से की अरबों की डील

इस्लामाबाद
भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान ने आपस में अरबों डॉलर का समझौता किया है। पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर (PoK) के कोहोला में 2.4 अरब डॉलर के हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट के लिए यह समझौता हुआ है। यह प्रॉजेक्ट बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव () का हिस्सा है जिसके जरिए यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच कमर्शल लिंक बनाने का उद्देश्य है। इस प्रॉजेक्ट की मदद से देश में बिजली सस्ती हो सकती है।

पाकिस्तान ने बताया मील का पत्थर
पाकिस्तान की सरकार ने सोमवार को कश्मीर के सुधानोटी जिले में झेलम नदी पर आजाद पट्टान हाइड्रो प्रॉजेक्ट का ऐलान किया। यह बांध चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। इस प्रॉजेक्ट को कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी ने डिवेलप किया है जो चीन की तीन गॉर्गेज कॉर्पोरेशन की इकाई है। समझौते पर दस्तखत के समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी और चीन के राजदूत याओ जिंग शामिल थे। पीएम के स्पेशल असिस्टेंट असीम सलीम बाजवा ने इस डील को मील का पत्थर बताया है।

पाकिस्तान को ड्रोन भी दे रहा चीन
चीन पाकिस्‍तान को मिसाइलों से लैसे ड्रोन विमान भी देने जा रहा है। चीन इस समय लद्दाख में अपने हमलावर ड्रोन विंग लोंग II (Wing Loong II) के जरिए भारतीय इलाकों की निगरानी कर रहा है। चीनी ड्रैगन अब ऐसे ही 4 ड्रोन विमान पाकिस्‍तान को देने जा रहा है। चीन का दावा है कि इससे चीन-पाकिस्‍तान आर्थिक कॉरिडोर और बलूचिस्‍तान में बन रहे चीनी नौसेना के बेस की सुरक्षा की जा सकेगी।

चीन ने की शांति की बात
वहीं, भारत से तनाव के बीच एक बार फिर चीन ने सीमा पर शांति की बात की है और भारत के साथ मिलकर सीमाक्षेत्रों के विकास की ओर बढ़ने का लक्ष्य दोहराया है। इस बार सेना के सूत्रों का भी कहना है कि चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। इस बीच चीन के विदेश विदेश मंत्री वान्ग यी (Wang Yi) की ओर से विस्तृत बयान जारी कर उम्मीद जताई गई है कि अब दोनों पक्ष ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे विवाद बढ़े।

गलवान को बनाया गया बफर जोन
खबरों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों देशों की सेना ने रिलोकेशन पर सहमति जताई थी। बताया जा रहा है कि गलवान घाटी को अब बफर जोन बना दिया गया है ताकि आगे फिर से कोई हिंसक घटना न हो। सूत्रों के मुताबिक अभी वेरिफिकेशन की प्रकिया पूरी नहीं हुई है। एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कहा कि कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा।

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