एजेंसी ने कहा कि देविंदर सिंह दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के कुछ अधिकारियों के साथ सुरक्षित सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए संपर्क में थे। चार्जशीट में कहा गया है कि सिंह को संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से पाकिस्तानी अधिकारियों ने तैयार किया था।
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देविंदर सिंह के अलावा चार्जशीट में प्रतिबंधित संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू का भी नाम है। कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके नवीद, रफी अहमद और इरफान शफी मीर को अपनी कार में बैठाकर पूर्व डीएसपी उन्हें सुरक्षित कश्मीर से बाहर निकालने की फिराक में था लेकिन कुलगाम से इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इनके अलावा चार्जशीट में तनवीर अहमद वानी और नवीद अहमद के भाई सैयद इरफान अहमद का भी नाम है। पुलिस ने देविंदर सिंह को पिछले साल 11 जनवरी को जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पकड़ा था। वह एक कार में सवार था और उसके साथ जो तीन लोग कार में सवार थे, उनमें आतंकवादी सैयद नवीद, रफी अहमद और कानून का छात्र इरफान शफी मीर भी था।
चार्जशीट में एनआईए ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारी इरफान शफी मीर के लगातार संपर्क में थे, जो एक वकील होने का दावा करता है। इतना ही नहीं, उसे जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी सेमिनार आयोजित करने के लिए धन मुहैया भी कराया जाता था।
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आरोप पत्र में कहा गया है कि मीर दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग से निर्देश और पैसे लेते थे और बड़ी संख्या में कश्मीरियों के लिए वीजा आवेदन की सुविधा भी देते थे।
चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी हिजबुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी एजेंसियों की ओर से भारत के खिलाफ हिंसक वारदातों को अंजाम देने की साजिश का हिस्सा थे। एनआईए ने पिछले साल 18 जनवरी को इस मामले को संभाला था जिससे 7 दिन पहले ही पूर्व डीएसपी देविंदर सिंह को पकड़ा गया था।