उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगले दो-तीन-चार महीने थोड़े कठिन होंगे। हमें बस इसे सहन करना होगा और साल के अंत तक या अगले साल की शुरुआत तक जीवन सामान्य हो जाना चाहिए।’ बीसीसीआई पहले ही सितंबर से नवंबर के बीच आईपीएल के आयोजन की योजना बनाई है। बोर्ड की पहली पसंद टूर्नमेंट के देश में आयोजन की होगी लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के कारण ऐसा मुश्किल लग रहा है।
कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या के मामले में भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यूएई और श्रीलंका के बाद सोमवार को न्यूजीलैंड ने भी टूर्नमेंट की मेजबानी की पेशकश की है। ‘दादा ओपन विद मयंक’ कार्यक्रम में पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, ‘मैं टीके (वैक्सीन) के निकलने का इंतजार करूंगा। तब तक, हमें थोड़ा और सावधान रहना होगा। हम जानते हैं कि क्या हो रहा है और हम बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं। लार एक मुद्दा है। हो सकता है कि एक बार टीका लगने के बाद किसी भी अन्य बीमारी की तरह, सब कुछ ठीक हो जाएगा।’
महामारी ने भले ही दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया हो, लेकिन बल्लेबाज गांगुली ने इसकी तुलना पिच सामंजस्य बैठाने से करते हुए कहा, ‘यह बल्लेबाजी रणनीति की तरह है, यह सभी पिचों पर एक समान नहीं खेलते है। आप धीमी पिचों पर अलग तरह से खेलते हैं और जब यह सपाट होती है तो आपका तरीका दूसरा होता है। कोविड-19 भी उसी चरण में है, ठीक होने की चरण में।’ गांगुली ने कहा, ‘उम्मीद है कि साल के आखिर तक हम सब ठीक होंगे।’