अब भी चालू चीन? सीमा पर सर्विलांस कैमरे

पेइचिंग
एक ओर चीन का नेतृत्व भारत के साथ बातचीत कर शांति स्थापित करने की बात कर रहे हैं, उधर पीपल्स लिबरेशन आर्मी की (PLA) अभी भी सीमा पर गतिविधि जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने सीमा पर न सिर्फ अपनी पकड़ मजबूत की है बल्कि विवादित जगह पर पोस्ट खड़े करके सर्विलांस कैमरे लगा दिए हैं। इनसे पीपल्स लिबरेशन आर्मी 24 घंटे भारतीय खेमे पर नजर रख रही है। बता दें कि रविवार को ही दोनों के देशों के बीच पहले कायम की गई सहमति को लागू करने पर सहमति बनाई गई है और सेनाओं को पीछे करने पर हामी भरी गई है।

अस्थायी पोस्ट्स पर लगाए कैमरे
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत और चीन के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के बावजूद जमीन पर चीनी सेना सीमा पर मौजूदगी बढ़ा रही है। जानकारी के मुताबिक दोनों देशों की सेनाएं अपने पोस्ट्स पर कैमरे लगाती हैं। हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि PLA ने कुछ कैमरे भारत की सीमा के अंदर भी लगाए गए हैं। गलवान घाटी में ही कैमरे अस्थायी पोस्ट्स पर लगा दिए गए हैं और भारतीय सेना पर नजर रखी जा रही है। इनके अलावा पैन्गॉन्ग झील, देपसान्ग में दौलत बेग ओल्डी के पास और हॉट स्प्रिन्ग्स में कैमरे लगाए गए हैं। ऊंचाई के इलाकों में इनसे मदद की उम्मीद लगाई जा रही है। इसके बाद भारत ने भी PLA पर नजर रखने के लिए कैमरे लगा दिए हैं।

चीन ने कहा, उठा रहे हैं कदम
इससे पहले दोनों देशों के बीच सेनाएं पीछे करने को लेकर सहमति कायम की गई थी। भारत के विशेष प्रतिनिधि और राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अ‍जीत डोवाल और उनके चीनी समकक्ष (विदेश मंत्री) वांग यी ने 5 जुलाई को बातचीत की थी। इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘दोनों देशों के सैन्‍य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के बीच तनाव को घटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।’

वेरिफिकेशन के बाद पुष्टि
लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत करीब 1.5 किमी पीछे हट गए हैं। सेना सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने अपने कैंप भी पीछे हटाए हैं। हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एक सीनियर अधिकारी ने इसकी पुष्टि की कि सैनिक पीछे हटे हैं लेकिन कहा कि कितना पीछे हटे हैं यह वेरिफिकेशन के बाद कंफर्म हो पाएगा।

टेंट हटाने के बाद तस्वीर ली जाएगी
30 जून को कोर कमाडंर स्तर की मीटिंग में वेरिफेकेशन की प्रक्रिया भी तय की गई थी जिसमें तय किया गया था कि एक कदम उठाने के बाद प्रूफ देखकर ही दूसरा कदम बढ़ाया जाएगा। वेरिफिकेशन में तीन दिन का समय लग सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि जैसे चीन ने एक टेंट हटाया तो तीन दिन के अंदर यूएवी से उसकी फोटो ली जाएगी और फिर पेट्रोलिंग पार्टी जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन भी करेगी।

(Source: The Telegraph)

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