नेपाल के प्रधानमंत्री ने इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच आर्मी चीफ जनरल पूर्ण चंद्र थापा के साथ आकस्मिक बैठक की है। अब नेपाल की राजनीति में यह सवाल उठ रहा है कि क्या ओली अब सेना के सहारे नेपाल की सत्ता को चलाने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के सह अध्यक्ष और ओली के कट्टर विरोधी भी ऐसा आरोप लगा चुके हैं।
प्रचंड का दावा- सत्ता के लिए सेना का सहारा ले रहे ओली
प्रचंड ने कुछ दिनों पहले ही दावा किया था कि पीएम ओली खुद की कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि ओली प्रधानमंत्री की कुर्सी के लिए का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने सुना है कि पीएम ओली सत्ता में बने रहने के लिए पाकिस्तानी, अफगानी या बांग्लादेशी मॉडल को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के प्रयास नेपाल में सफल नहीं होंगे।
प्रचंड को जेल भेज सकते हैं ओली!
माना जा रहा है कि सत्ता बचाने के लिए पीएम ओली किसी भी हद तक जा सकते हैं। जिसमें नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी में बंटवारा या विरोधी नेताओं को जेल में डालने तक की कार्रवाई शामिल है। प्रचंड ने कुछ दिनों पहले ही संदेह जताया था कि ओली उन्हें भ्रष्टाचार के कथित मामले में जेल में डालने की तैयारी कर रहे हैं। प्रचंड ने ओली को चेतावनी देते हुए कहा था कि कोई भी हमें भ्रष्टाचार के नाम पर जेल नहीं भेज सकता है। सेना की मदद से देश पर शासन करना आसान नहीं है। प्रचंड ने ओली पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के साथ गठबंधन करके या पार्टी को विभाजित कर सरकार चलाना संभव नहीं है।
नेपाल के लिए अगले 24 घंटे अहम
नेपाल की राजनीति में अगले 24 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं। इस दौरान यह फैसला हो जाएगा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा देंगे या फिर पार्टी को दो टुकड़ों में बांट देंगे। सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर मची खींचतान अब गंभीर रूप ले चुकी है। प्रचंड और ओली के बीच चली आधे घंटे तक बैठक आज भी बेनतीजा रही। सोमवार को भी दोनों नेताओं में बैठक प्रस्तावित है।
देउबा और ओली की मुलाकात से बढ़ी सरगर्मी
इस बीच प्रमुख विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने पीएम ओली से मुलाकात कर राजनीतिक सरगर्मी को और तेज कर दिया है। इस मुलाकात को लेकर देउबा की पार्टी के अंदर भी विरोध शुरू हो गया है। नेपाली कांग्रेस के कई नेताओं ने देउबा से मुलाकात को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।