चीन के साथ सीमा विवाद के बीच ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है। रक्षा मंत्री दिल्ली में एक कोविड सेंटर का जायजा लेने गए थे। उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे। पत्रकारों को कोरोना और बॉर्डर से जुड़े सवाल पर रक्षा मंत्री ने कहा, “सभी जगह तैयारी है हमारी। चाहे अस्पताल हो या बॉर्डर, तैयारी में हम कभी पीछे नहीं रहते।” भारत ने बॉर्डर से सटे इलाकों में चीन के बराबर सैनिक तैनात किए हैं। एयरफोर्स भी पूरी तरह से आर्मी के साथ मिलकर चीन की चुनौती का सामना कर रही है। दूसरी तरफ, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का भी ट्वीटपीएम और राष्ट्रपति के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत चली। इस दौरान, दोनों के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी रविवार सुबह ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “भारत इतिहास के बेहद नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। हम एक साथ कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। लेकिन हमें जो चुनौतियां दी जा रही हैं, उसका सामना करने का हमारा निश्चय दृढ़ रहना चाहिए।”
समझौते को मानने के मूड में नहीं चीनविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बॉर्डर से डिसएंगेजमेट की बात कही है मगर डी-एस्केलेशन में लंबा वक्त लग सकता है। क्योंकि PLA दोनों सरकारों के बीच हो रही बातचीत मानने के मूड में नहीं दिखती। वे मीटिंग्स में तो शांति की बात करते हैं मगर गलवान घाटी, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग त्सो से पीछे नहीं हट रहे। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि दोनों सेनाओं के LAC से पीछे हटने में लंबा वक्त लगेगा। PLA के सैनिक जहां-जहां मौजूद हैं, वे वहां पर निशान लगा रहे हैं। गलवान और पैंगोंग त्सो में चीनी सैनिक भारी संख्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ मौजूद हैं।
सेना और एयरफोर्स पूरी तरह तैयारPLA के नेचर से अच्छी तरह वाकिफ भारत ने अपनी सावधानी बढ़ा दी है। आर्मी और एयरफोर्स, दोनों ही PLA की किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। 15 जून को गलवान में हुई झड़प के बाद सैनिकों का जोश बढ़ा हुआ है। एक मिलिट्री कमांडर ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “हम कोई लड़ाई शुरू नहीं करना चाहते मगर दूसरी तरफ से आक्रामकता दिखाई गई तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।”
बॉर्डर पर थोड़ी शांति लेकिन तनातनी बरकरारभारत-चीन के बीच जिन 4 क्षेत्रों में तनातनी है, वहां मौजूद सैन्य दस्तों में मामूली सी कमी आई है। हालांकि दोनों सेनाएं अभी भी मोर्चे पर लामबंद हैं। इसी सप्ताह भारत और चीन ने मिलिट्री कमांडर स्तर पर इस मसले को लेकर एक लंबी बातचीत की थी। लेकिन दोनों देशों की सेनाएं यहां से पीछे हटें, इसके लिए अभी शायद अभी ऐसी और मीटिंग करनी होंगी।