चंबल प्रोग्रेस-वे: इन जिलों की बदलेगी तस्वीर

भोपाल
उपचुनाव से पहले ग्वालियर-चंबल संभाग के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। कार्यभार संभालने के कुछ दिन बाद सीएम ने की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से चर्चा के बाद इसके लिए 781 करोड़ रुपये की राशि भी स्वीकृत हो गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे के बनने से प्रदेश के बीहड़ और पिछड़े क्षेत्र को औद्योगिक सेक्टर के रूप में विकसित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि वे इस प्रोजेक्ट को ‘चंबल एक्सप्रेस-वे’ नहीं ‘चंबल प्रोग्रेस-वे’ के रूप में देखते हैं। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के चंबल एक्सप्रेस-वे पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एमपी के कद्दावर नेताओं ने शनिवार को चर्चा की है। इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे।

ड्रीम प्रोजेक्ट है मेरा
इस मौके पर सीएम चौहान ने कहा कि यह सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसमें भारतमाला के अंतर्गत मात्र 50 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध कराने का प्रावधान है। एमपी सरकार इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 421 करोड़ की 100 प्रतिशत भूमि नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा प्रदेश सरकार आर्थिक सहयोग के रूप में मिट्टी और मुरम की रॉयल्टी के रूप में 330 करोड़ प्रदान करेगा और वन भूमि की अनुमतियों पर होने वाले व्यय के रूप में 30 करोड़ का खर्च भी स्वयं वहन करेगा। इस प्रकार राज्य शासन 781 करोड़ का सहयोग प्रदान करेगा।

दो राज्यों की सीमाओं को जोड़ेगा
उन्होंने कहा कि ‘एक्सप्रेस वे’ प्रदेश में 309 किलोमीटर लंबा होगा। यह श्योपुर, मुरैना और भिण्ड से होते हुए राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमाओं को जोड़ेगा। यह मार्ग भिण्ड में गोल्डन क्वाड्रिलेट्रल (आगरा-कानपुर) मार्ग, मुरैना में नार्थ-साउथ कॉरीडोर एवं राजस्थान में दिल्ली मुम्बई कॉरीडोर से जोड़ा जाएगा। आवागमन का मार्ग सहज और सुविधाजनक होने से क्षेत्र को औद्योगिक निवेश प्राप्त होगा।

लगेंगे उद्योग
सीएम चौहान ने कहा कि शासन इस इलाके को आर्थिक/औद्योगिक विकास के लिए रक्षा उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण, भारी उद्योग, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट उद्योग के रूप में विकसित करेगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की शुरुआत मुख्ममंत्री ने वर्ष 2017 में भी की थी। एक्सप्रेस-वे के बनने से इस पिछड़े क्षेत्र के विकास में बहुत मदद मिलेगी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी दिए सुझाव
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंबल एक्सप्रेस-वे को भिण्ड-कोटा रेलवे लाइन के साथ-साथ बनाने का सुझाव दिया है। सीएम ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे के लिए हमारे पास 52 प्रतिशत सरकारी जमीन उपलब्ध है। इस प्रोजेक्ट के लिए शेष 48 प्रतिशत भूमि अदला-बदली मॉडल के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। एलाइनमेंट होते ही यह जमीन निर्माण कार्य के लिए सौंप दी जाएगी।

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