गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरुओं, शिक्षकों और वरिष्ठों को याद करते हैं तथा उनकी पूजा भी करते हैं। सचिन समेत कई क्रिकेटरों ने गुरु पूर्णिमा के मौके पर अपने गुरुओं को याद किया।
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वीडियो में सचिन ने कहा कि गुरु पूर्णिमा के मौके पर वह तीन लोगों को शुक्रिया कहना चाहते हैं। सचिन ने कहा, ‘मैं उन तीन लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिनकी वजह से इस मुकाम तक पहुंच पाया। जब भी बल्ला उठाता हूं तो मेरे जेहन में तीन लोगों का नाम आता है, जिनकी मेरी जिंदगी में खास अहमियत है। जो भी मैं आज हूं, इन तीन लोगों की वजह से ही हूं।’
उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले मेरे भाई अजित तेंडुलकर, जिन्होंने मुझे आचरेकर (रमाकांत) सर के पास ले जाने का फैसला किया। जब भी मैं बल्लेबाजी करने जाता था, भले ही मेरे भाई उस वक्त शारीरिक तौर पर साथ नहीं रहते थे, लेकिन मानसिक रूप से वह हमेशा मेरे साथ होते थे। मैं जब बल्लेबाजी करने गया, उनके साथ ही गया।’
करियर में रेकॉर्ड 200 टेस्ट, 463 वनडे और 1 टी20 इंटरनैशनल मैच खेलने वाले सचिन ने आगे कहा, ‘आचरेकर सर के बारे में क्या कहूं। उन्होंने मेरी बल्लेबाजी पर जो वक्त लगाया, चाहे मैच हो या प्रैक्टिस सेशन, वह मेरी बल्लेबाजी में हुई सभी गलतियों को नोट करते थे। इसके बाद वह घंटों इस पर मेरे साथ बात करते थे और समझाते थे।’
सचिन ने आखिर में अपने पिता रमेश तेंडुलकर का नाम लिया। उन्होंने कहा, ‘आखिर में मेरे पिता जी, जिन्होंने हमेशा कहा कि कभी शॉर्टकट मत लेना। खुद को अच्छे से तैयार करो। इन सबके ऊपर कभी अपने मूल्यों को नीचे मत गिरने देना।’ सचिन के कोच रमाकांत आचरेकर का पिछले साल निधन हो गया था।