अधिकारी ने कहा, ‘एक बार आप जब शिकायतों को देखेंगे तो पता चल जाएगा कि यह शिकयतें प्रेरित हैं। कोई न कोई बीसीसीआई अधिकारियों को घेरने की कोशिश कर रहा है और अब वह भारतीय टीम के कप्तान को किसी कारण से घेर रहा है। जो बीते छह साल में हुआ है, यह पैटर्न साफ दिखाई दे रहा है। आप ईमेल और उसकी भाषा को देख लीजिए, मंशा साफ पता चल रही है कि यह सफल लोगों के दामन पर दाग लगाने की कोशिश है। इसके पीछे कोई न कोई प्रेरणा है। इस तरह की शिकायत के लिए वैधस्थिति का अधिकार जरूरी है। नहीं तो इस तरह के इमेल का कोई अंत नहीं होगा।’
इस पर बात करते हुए एक पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि इस करह की चीजें उन लोगों की मदद करती हैं जो मैच फिक्स करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या आप वाकई में इस सभी में सट्टेबाजी को नजरअंदाज कर सकते हैं? जितनी ज्यादा असमंजस होगी फालतू लोगों के लिए उतना बेहतर माहौल होगा। यह बीसीसीआई को मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह से राह से भटकाने की साजिश है।’
भारतीय टीम के कप्तान के कीरीब सूत्रों ने कहा है कि यह पूरा घटनाक्रम दुखद है। उन्होंने कहा, ‘हमारे क्रिकेटरों की भी अपनी खुद की जिंदगी है और वह भी पैसा कमाना चाहते हैं। इस तरह की शिकायतें उनके दिमाग और प्रदर्शन पर असर डालेंगी। इस तरह के लोग सिर्फ पब्लिसिटी चाहते हैं, वह यह नहीं समझते कि इसका क्या असर पड़ेगा। इस तरह की चीजें खेल के लिए अच्छी नहीं हैं।’
गुप्ता ने एथिक्स अधिकारी को लिखी अपनी शिकयात में कोहली स्पोटर्स एलएलबी कंपनी के साथ भारतीय कप्तान की भागीदारी का भी उल्लेख किया है, जिसमें दो निदेशक-मालिक हैं, जिनका नाम विराट कोहली और अमित अरुण सजदेह है। साथ ही कॉर्नरस्टोन वेंचर पार्टनर एलएलपी का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें तीन निदेशक-मालिक हैं और इनके नाम विराट कोहली, अमित अरुण सजदेह और बिनॉय भरत खिमजी है।