एमपी माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा शनिवार को जारी किए गए रिजल्ट में कई छात्रों का पूर्णांक 300 तो बाकियों का 400 बताया गया है। उससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह दरअसल रिजल्ट पर कोरोना इंपैक्ट है, जिसके चलते परीक्षाएं बाधित हुईं और बोर्ड को रिजल्ट के लिए नई प्रक्रिया अपनानी पड़ी।
मार्च महीने में जब कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते परीक्षाएं रोकी गई थीं, तब तक एमपी बोर्ड की हिंदी मीडियम की 5 और इंगलिश मीडियम की 4 सब्जेक्ट की परीक्षाएं ही हो पाई थीं। बोर्ड ने बचे हुए सब्जेक्ट में छात्रों को जनरल प्रमोशन तो दे दिया, लेकिन रिजल्ट के लिए उसे नई व्यवस्था करनी पड़ी।
बोर्ड ने इंग्लिश मीडियम के लिए बेस्ट ऑफ 4 तथा हिंदी मीडियम के लिए बेस्ट ऑफ 3 का फॉर्मूला निकाला। इसका मतलब ये कि इंग्लिश मीडियम में जिन चार सब्जेक्ट की परीक्षा हुई थी, उनमें से जिन तीन में परीक्षार्थी को सबसे ज्यादा अंक मिले, उसके आधार पर रैंकिंग तैयार की गई। इसी तरह, हिंदी मीडियम में जिन 5 सब्जेक्ट की परीक्षा हुई थी, उनमें सबसे ज्यादा अंकों वाले चार सब्जेक्ट के आधार पर बेस्ट ऑफ 4 का फॉर्मूला लगाया गया। रिजल्ट की रैंकिंग में छात्रों के पूर्णांक में दिख रहे अंतर का यही कारण है।