गुरुवार को मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट के विस्तार के बाद शुरू हुआ टाइगर वॉर () अब भी जारी है। शुक्रवार शाम सीएम चौहान ने इस बहाने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को निशाने पर लिया तो शनिवार सुबह इसी मुद्दे पर प्रदेश सरकार में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री कांग्रेस के जीतू पयवारी से भिड़ गए। हालांकि, इनकी भिड़ंत टाइगर वॉर से शुरू होकर टाइगर बाम पर केंद्रित हो गई।
शनिवार सुबह पूर्व मंत्री ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि टाइगर बाम बिकता है। इसके 10 मिनट भी नहीं हुए होंगे कि नरोत्तम मिश्रा ने इसका जवाब भी दे दिया। नरोत्तम ने तंज कसा कि कांग्रेस को उपचुनावों के बाद बाम की ज्यादा जरूरत पड़ने वाली है, इसलिए आप अभी से खरीद कर रख लें।
पटवारी और नरोत्तम की भिड़ंत से पहले शुक्रवार को दिन भर प्रदेश की राजनीति में टाइगर वॉर पर बयानबाजी होती रही। शुक्रवार सुबह दिग्विजय सिंह ने कहा कि माधवराव सिंधिया के जीवित रहते वे उनके साथ शेर का शिकार करने जाते थे। इसके थोड़ी देर बाद सैलाना में कमल नाथ ने कहा कि कौन सर्कस का टाइगर है और कौन पेपर टाइगर, इसका फैसला जनता करेगी।
नरोत्तम ने कमलनाथ के इस बयान का जवाब ये कह कर दिया कि जनता इसका फैसला कर चुकी है। हालांकि, शाम होते-होते खुद भी टाइगर वॉर में कूद पड़े। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर पुरजोर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बंटाधार कराने वाले और दलालों की सरकार चलाने वाले टाइगर का क्या मुकाबला करेंगे। इधर, ने शुक्रवार को एक बार फिर कहा कि कांग्रेसी चील और कौवे उन्हें नोचने के लिए बैठे हैं।
प्रदेश में टाइगर वॉर की शुरुआत सिंधिया के ही बयान से हुई थी। गुरुवार को मंत्रिमंडल विस्तार के बाद उन्होंने कहा था कि कांग्रेस उनके चरित्र पर लांछन लगाने की कोशिश कर रही है, लेकिन टाइगर अभी जिंदा है। गुरुवार शाम को बीजेपी कार्यालय में उन्होंने फिर यही बयान दिया था। इसके बाद से ही कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।