दुनिया की सबसे बड़ी नोडल हेल्थ एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के प्रयासों की प्रशंसा की है। साथ ही WHO का कहना है कि भारत को अब कोरोना वायरस से जुड़े डेटा मैनेजमेंट पर भी फोकस करना चाहिए। WHO का मानना है कि भारत की सबसे बड़ी समस्या विशाल जनसंख्या और भौगोलिक विविधता है। इसलिए डेटा इकट्ठा करना और जरूरी हो जाता है।
राजनीतिक नेतृत्व को सराहा
WHO ने भारत सरकार की मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की तारीफ की। भारत ने कोरोना वायरस की महामारी में टेस्टिंग से लेकर उसे बड़े स्तर तक ले जाने तक अच्छी भूमिका अदा की है। साथ ही भारत ने कोरोना वायरस के संक्रमण के साथ चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन लगाया और फिर उसी तरीके से अनलॉक किया है। लेकिन अब हम नए चरण में पहुंच गए हैं, इसलिए भारत और इसके जैसे दूसरे देशों को एक लंबी रणनीति के बारे में सोचना चाहिए।
भारत टेस्टिंग के मामले में आत्मनिर्भर
न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि आज भारत प्रतिदिन 2 लाख से अधिक कोरोनो टेस्ट कर रहा है। साथ ही भारत टेस्टिंग किट भी विकसित कर रहा है। ये भारत के लिए बड़ी सफलता है कि भारत टेस्टिंग के मामले में आत्मनिर्भर हुआ है। और इसे आगे बढ़ा भी रहा है। मगर अब भारत को कोरोना से जुड़े डेटा पर भी खास फोकस करना होगा, व्यवस्थित रूप से डेटा को इकट्ठा करना होगा।
डेटा के लिए नेशनल गाइलाइन जरूरी
डेटा कैसे इकट्ठा किया जाए इस पर WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोरोना वायरस से जुड़े डेटा को कैसे रिपोर्ट करना है इसको लेकर नेशनल गाइडलाइन होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप डेटा की तुलना नहीं कर पाएंगे। हर इकाई अपने तरीके से चीजों को रिपोर्ट कर रही है। डब्ल्यूएचओ ने कुछ तरीके भी बताए हैं, जिसे सरकार अपना सकती है।
देश में तेजी से फैल रहा है वायरस
बता दें कि भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। देश में संक्रमित मरीजों की संख्या साढे 6 लाख के करीब पहुंच गया है। वहीं अभी तक 18,655 लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 442 लोगों की मौत हो गई है और 22771 नए केस सामने आए हैं।