हॉन्ग कॉन्ग संकट: चीन पर नकेल कसेगा US

वॉशिंगटन
अमेरिकी संसद ने चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। हॉन्ग कॉन्ग में चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के लागू करने के खिलाफ अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव भी साथ आया है। इससे पहले सीनेट भी ऐसे बिल को मंजूरी दे चुका है। हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने कहा कि चीनी सरकार के इस कानून के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

नैन्सी ने कहा क‍ि इस कानून ने ‘एक देश दो व्यवस्था’ के सिद्धांत को खत्म किया है। उन्‍‍‍‍‍होंने कहा, ‘आजादी से प्यार करने वाले सभी लोगों को इस भयानक कानून कि खिलाफत करनी चाहिए। अगर हम अपने व्यापारिक हितों के चलते चीन में मानवाधिकार के उल्लंघन पर नहीं बोलेंगे तो हम किसी और जगह पर भी इस मुद्दे पर बोलने के काबिल नहीं रहेंगे।’

सीनेट ने पिछले हफ्ते ऐसा ही बिल पास किया था लेकिन उसमें सीनेट ने कुछ बदलाव किए हैं। एक अधिकारी का कहना है कि सीनेट जल्द ही इसपर वोट करेगा। बता दें कि नए कानून पर चीन और अमेरिका के बीच बहस छिड़ी हुई है। अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक पोंपियों ने कहा था कि वह चीन के अधिकारियों पर वीजा बैन लगाएंगे। इसके बाद चीन ने भी इसी तरह की कार्रवाई की धमकी दी थी।

भारत पीछे नहीं हटेगा: निक्‍की हेली
रिपब्लिकन पार्टी की नेता और भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने कहा है कि भारत लगातार दिखा रहा है कि वह चीनी आक्रामकता के बावजूद पीछे नहीं हटेगा। उनका यह बयान भारत में 59 चीनी मोबाइल ऐप पर बैन लगाने के कुछ दिनों के बाद आया है। हेली ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘यह देखकर अच्छा लगा कि भारत ने चीनी कंपनियों के मालिकाना हक वाले 59 लोकप्रिय ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। इनमें टिकटॉक जैसे ऐप भी शामिल हैं, जिनके लिए भारत सबसे बड़े बाजारों में से एक है।’ रिपब्लिकन पार्टी के सांसद मार्को रुबियो ने भी चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले का समर्थन किया है। ये प्रतिबंध लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं।

भारत को साझेदार बनाएंगे बाइडेन
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा है कि अगर वह चुनाव जीत जाते हैं, तो भारत के साथ संबंध मजबूत करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। बाइडेन ने कहा कि भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी ‘अमेरिकी हितों और सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण’ है। उन्होंने ने बुधवार को ऑनलाइन आयोजित एक कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के संबंधों पर किए गए सवाल के जवाब में कहा, ‘भारत को हमारी और अपनी सुरक्षा के लिए क्षेत्र में हमारा साझेदार होने की जरूरत है। यह रणनीतिक साझेदारी हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी और महत्वपूर्ण है।’ उप राष्ट्रपति के तौर पर अपने आठ साल के कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले हमारे प्रशासन में अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौता कराने में निभाई भूमिका पर मुझे गर्व है।

H1-बी वीजा का निलंबन रद्द करेंगे
बाइडेन ने कहा है कि यदि वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं, तो भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच लोकप्रिय एच-1बी वीजा पर लागू अस्थायी निलंबन को खत्म कर देंगे। ट्रंप प्रशासन ने 23 जून को भारतीय आईटी पेशेवरों को एक बड़ा झटका देते हुए एच-1बी वीजा और अन्य विदेशी कार्य वीजा को 2020 के अंत तक निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘कंपनी वीजा पर आए लोगों ने इस देश का निर्माण किया है।’ पूर्व उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि वह मुस्लिम यात्रा प्रतिबंध को भी रद्द कर देंगे।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का असली चेहरा: ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का मानना है कि भारत और बाकी देशों के खिलाफ चीन का ‘आक्रामक रवैया’ कम्युनिस्ट पार्टी के असली चेहरे को दिखलाता है। वाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने कहा, ‘भारत और चीन के संबंध में हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। राष्ट्रपति भी ऐसा ही कर रहे हैं और उनका कहना है कि चीन दुनिया के अन्य हिस्सों में जिस तरह की आक्रामकता दिखा रहा है, वैसा ही आक्रामक रवैया उसने भारत-चीन सीमा पर अपनाया है। ये हरकतें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के असली चेहरे को दिखाती हैं।’ इससे पहले अमेरिका के कई सांसद भी वास्तविक नियंत्रण सीमा पर चीन के रवैये को लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं।

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