भोपाल, तीन जुलाई :भाषा: मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने चीन से आयात में दी गई कथित रियायतों के लिए तत्कालीन केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ की भूमिका की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पटेल ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि इस संबंध में उन्होंने 30 जून को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र भेजा है। हालांकि, कांग्रेस ने भाजपा नेताओं द्वारा कमलनाथ पर लगाये गये इन आरोपों को गलत बताया है। पटेल ने दावा किया कि मीडिया से मिल रही जानकारी के आधार पर चीन एवं तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन :संप्रग: सरकार के गहरे संबंध नकारे नहीं जा सकते और राजीव गांधी फाउंडेशन को दान के नाम पर चीनी दूतावास से 2005—06 में करोडों रूपये की वित्तीय सहायता मिली है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन के साथ जारी सीमा विवाद के दौरान कांग्रेस का नरम रवैया इसी आर्थिक सहायता के कारण तो नहीं रहा। पटेल ने शाह को भेजे पत्र में आरोप लगाया है, ”… संप्रग सरकार में वाणिज्य मंत्री रहे कमलनाथ ने चीन से आयात हेतु अनापेक्षित रियायत दी थीं। यह भी शक पैदा करता है कि कहीं यह उदारता राजीव गांधी फाउंडेशन को मिली आर्थिक सहायता के कारण तो नहीं दिखाई गई थी।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उच्चायुक्त के माध्यम से यदि किसी व्यक्ति विशेष अथवा संस्था को किसी प्रकार की आर्थिक सहायता दी जाती है तो यह माना जाता है कि वह कहीं न कहीं आतंकवादी गतिविधि में उपयोग हो रही है। पटेल ने कहा कि जिस तरह चीन, पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत की सीमा को छलनी कर रहा है उससे चीन द्वारा प्राप्त आर्थिक सहायता को भी शक की निगाह से देखा जाना चाहिए। उन्होंने संप्रग सरकार के समय चीन से मिली कथित आर्थिक सहायता और आयात में दिए गए कथित अनुचित लाभ तथा संपत्ति की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पटेल की इस मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता एवं कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सिंह सलूजा ने इस पत्र को लोगों को गुमराह करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यदि उनके पास कमलनाथ के खिलाफ कोई सबूत हैं तो उन्हें उजागर करना चाहिए और सीबीआई की जांच करानी चाहिए।