(Mahendra Singh Dhoni) से मैदान पर काफी बारीकियां सीखने वाले भारतीय लेग स्पिनर () को उनकी कमी खलती है। कुलदीप का मानना है कि विकेट के पीछे पूर्व कप्तान के रहने से उनके जैसे गेंदबाजों को काफी मदद (Dhoni help Kuldeep) मिलती थी।
धोनी ने पिछले साल विश्व कप (World Cup) के बाद से क्रिकेट नहीं खेला है। आईपीएल के जरिए उनकी वापसी के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण आईपीएल (IPL) स्थगित है।
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धोनी ने जगाया आत्मविश्वास
कुलदीप ने कहा कि मैदान पर की कमी उन्हें खलती है जो विकेट के पीछे से काफी मददगार साबित होते थे। उन्होंने ईएसपीएन क्रिकइन्फो के कार्यक्रम क्रिकेटबाजी में दीप दासगुप्ता (Deep Dasgupta) से कहा, ‘मैने जब करियर की शुरुआत की तो मैं पिच को भांप नहीं पाता था। धोनी के साथ खेलने के बाद मैने वह सीखा। वह बताते थे कि गेंद को कहां स्पिन कराना है। वह फील्ड जमाने में भी माहिर है (Dhoni Expert in Field Placement) । उन्हें पता होता था कि बल्लेबाज कहां शॉट खेलेगा और उसी के हिसाब से फील्ड लगाते थे।’ उन्होंने कहा, ‘इससे मुझे अधिक आत्मविश्वास के साथ गेंदबाजी में मदद मिली। जब से वह वनडे क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं, यह भी चला गया।’
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स्मिथ और डि विलियर्स को बोलिंग करना मुश्किल
कुलदीप (Kuldeep) का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ (Steve Smith) और साउथ अफ्रीका के एबी डि विलियर्स (AB de Villiers) ऐसे दो बल्लेबाज हैं जिनके बल्ले पर अंकुश लगाना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। पिछले साल लंबे समय खराब दौर का सामना करने वाले यादव ने कहा कि दोनों बल्लेबाजों में अनूठी क्षमताएं हैं। उन्होंने कहा, ‘स्मिथ ज्यादातर बैकफुट पर खेलते हैं और काफी देर से भी खेलते हैं लिहाजा उन्हें गेंद डालना चुनौतीपूर्ण होता है।’
उन्होंने कहा, ‘वनडे में एबी डिविलियर्स बेहतरीन खिलाड़ी हैं। उनका अलग ही अंदाज है। अब वह खेल को अलविदा कह चुके हैं जो अच्छी बात है। इनके अलावा मुझे और किसी बल्लेबाज से उतना डर नहीं लगा।’
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तरकश में तीर कम थे
पिछले साल के खराब फॉर्म के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी तरकश में कुछ तीर कम थे और टीम में लगातार नहीं होने से भी उनके प्रदर्शन पर असर पड़ा। उन्होंने कहा, ‘मैने विश्व कप 2019 के लिए जाने से पहले काफी तैयारी थी लेकिन मैं आईपीएल (IPL) की विफलता से उबरना चाहता था। मैने ज्यादा विकेट नहीं लिए लेकिन विश्व कप में अच्छी गेंदबाजी की।’ कुलदीप ने कहा, ‘उसके बाद से मैं टीम में भीतर-बाहर होता रहा। लगातार नहीं खेलने पर आप दबाव में आ जाते हैं और आत्मविश्वास भी हिल जाता है। मेरे कौशल में भी कुछ कमी रह गई थी।’
चहल से है खास रिश्ता
उन्होंने बताया कि साथी स्पिनर युजवेंद्र चहल (Yuzvendra Chahal) से उनका खास रिश्ता है जिनकी मैदान से भीतर और बाहर राय को वह काफी तवज्जो देते हैं । उन्होंने कहा, ‘उसने हमेशा मेरा ध्यान रखा है। एक बड़े भाई की तरह। इतने सारे मैच खेलने के बाद भी मैदान के बाहर भी वह मुझे क्रिकेट और क्रिकेट से इतर सलाह देता है।’
उन्होंने कहा, ‘यह तालमेल मैदान पर भी नजर आता है। हमारे बीच कभी प्रतिस्पर्धा नहीं रही। पिछले साल भी हम में से एक को ही मौका मिलता रहा है । हमने तालमेल में हमेशा अच्छी गेंदबाजी की और विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के होने से काफी मदद मिलती थी।’