नई दिल्ली
केरल में इटली के मरीन्स ने वर्ष 2012 में दो भारतीय कर दी थी। इस मामले में केंद्र सरकार ने में अर्जी दाखिल की है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को बंद करने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि भारत ने यूएन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UN Convention on the Law of the Sea) के फैसले को मानने का फैसला किया है।
केरल में इटली के मरीन्स ने वर्ष 2012 में दो भारतीय कर दी थी। इस मामले में केंद्र सरकार ने में अर्जी दाखिल की है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले को बंद करने का अनुरोध किया है। केंद्र सरकार ने अदालत से कहा है कि भारत ने यूएन कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UN Convention on the Law of the Sea) के फैसले को मानने का फैसला किया है।
दरअसल, इसके बाद कोई अपील नहीं हो सकती और ये अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता नियमों के मुताबिक बाध्यकारी है। ऐसे में अदालत इस मामले में लंबित सुनवाई को बंद कर दे।
इटली जाने की दी थी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में सरकार को UNCLOS के फैसले को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने उसके फैसले को दाखिल करते हुए कहा कि अदालत को केस का निपटारा कर देना चाहिए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ही दोनों मरीन को शर्तों के आधार पर इटली जाने की इजाजत दी थी।