20 जवान खोकर ऐप्स बैन! शिवसेना का तंज

मुंबई
टिक-टॉक समेत 59 ऐप्स को बैन कर चीन के खिलाफ भारत की डिजिटल कार्रवाई को लेकर ने केंद्र सरकार पर तंज कसा है। अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में पार्टी ने कहा कि इन ऐप्स के माध्यम से हमारे देश की जानकारी बाहर जाती थी, इसका ज्ञान सत्ताधीशों को हुआ लेकिन इसके लिए सीमा पर हमारे 20 जवानों को शहीद होना पड़ा।

शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान ने जब भारत में घुसकर हमारे सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, तब भारतीय सेना ने पीओके में घुसकर हमला किया था। यह हमला सर्जिकल स्ट्राइक के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अब जब चीनी सेना गलवान घाटी में घुसी है और हमारे 20 जवान शहीद हुए हैं, तब भारत ने चीन पर ऑनलाइन हमला यानी कि डिजिटल स्ट्राइक कर खलबली मचा दी है।

’20 जवानों को शहीद होना पड़ा’
पार्टी ने कहा कि सरकार ने रक्तरंजित संघर्ष के बदले के रूप में चीनी ऐप्स को बैन कर दिया। उनकी (सरकार की) ओर से कहा गया कि भारत की एकता, संप्रभुता और सुरक्षा की दृष्टि से चीनी ऐप्स खतरनाक हैं, इसलिए इन्हें बैन किया गया है। आखिर, चीनी ऐप्स से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है यह सरकार को कब समझ आया? हमारे देश की जानकारी का भंडार बाहर जाता है, इसका ज्ञान हमारे सत्ताधीशों को हुआ और इसके लिए लद्दाख की सीमा पर 20 जवानों को शहीद होना पड़ा।

सिर्फ ऐप बैन से नहीं टूटेगी चीन की कमर
शिवसेना ने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था को झटका देना आवश्यक था लेकिन सिर्फ ऐप पर बैन लगा देने से उसकी कमर नहीं टूटेगी। भारत में चीन की हुवेई कंपनी को 5जी नेटवर्क शुरू करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। ऐसे में हिंदुस्तान की डिजिटल अर्थव्यवस्था की चाभी दूसरे देश के हाथ में होना मतलब हिंदुस्तानी अर्थव्यवस्था के भविष्य की मालकियत चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथ में होने के जैसा है। यह भविष्य में देश के लिए सबसे ज्यादा घातक होने वाला है। सरकार यह क्यों नहीं समझ रही है?

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शिवसेना ने टिक-टॉक बैन पर कहा कि ऐसे चीन ऐप देश में अश्लीलता और दकियानूसी बातों को बढ़ावा दे रहे थे। इससे कई टिक-टॉक स्टार्स पैदा हो गए थे। इनमें से कई ने बीजेपी में प्रवेश किया था। अब सवाल है कि राजनीति में घुसे चीनी टिक-टॉक स्टार्स का क्या होगा?

‘जो हुआ सो हुआ’
शिवसेना ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में सरकार डिजिटल रूप से जागी है, यह जारी रहना चाहिए। चीनी कंपनियों को अपना डेटा चीनी सरकार को देना बंधनकारक है। ऐसे में चीनी गुप्तचर एजेंसियां और चीनी सेना भारत के इस डेटा का इस्तेमाल हमारे खिलाफ कर सकती हैं। पार्टी ने कहा कि अब जो हुआ सो हुआ। सरकार अब जाग गई है और इसके पीछे जनता की लगातार मांग है।

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