कैबिनेट विस्तार से पहले शिवराज सिंह चौहान का दर्द सामने आ गया है। किल कोरोना अभियान के कार्यक्रम से जब वह बुधवार को बाहर निकले थे, तब उन्होंने कहा था कि मंथन से तो अमृत ही निकलेगा, विष तो शिव पी जाते हैं। इस बयान के काफी मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि इस बार के कैबिनेट विस्तार में उनके करीबियों का पत्ता साफ हो गया है। शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में 2 दिन तक रुक कर केंद्रीय नेतृत्व से अपनी बात मनवाने की कोशिश करते रहे लेकिन सब बेकार साबित हुआ। इस बार शिवराज कैबिनेट में ज्यादातर नए चेहरों को मौका दिया गया है।
संभावित मंत्रियों की सूची देख कर यह तो साफ हो गया है कि शिवराज की पसंद पर इस बार आलाकमान ने कैंची चलाई है। इनके पुराने साथियों को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को एक दर्द भरा ट्वीट भी किया था। शायद उसके जरिए वह यहीं जताने की कोशिश कर रहे थे कि उनकी नहीं सुनी गई है।
किल कोरोना अभियान से बाहर निकले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मंथन से अमृत ही निकलता है, विष शिव पी जाते हैं। इस बयान के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान सीधे सीएम हाउस चले गए थे। वहां एमपी प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे के साथ उन्होंने मंत्रियों के नाम पर करीब 6 घंटे तक चर्चा की है।
शिवराज सिंह चौहान कथित रूप से नाराज हैं, इसे वह दिखाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं। लेकिन रह-रह कर उनकी परेशानी झलक जा रही है। किल कोरोना अभियान के दौरान शिवराज सिंह चौहान कुछ परेशान दिखे। उनकी कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें वह चिंतन में लीन दिखाई दिए हैं। तस्वीरों के देख लग रहा है कि सीएम कुछ परेशान दिख रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान के पूर्व के कार्यकाल में संजय पाठक, पारस जैन, गौरीशंकर बिसेन, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, जालम सिंह पटेल और सुरेंद्र पटवा मंत्री रहे हैं। इस बार अभी तक इनके नामों पर सहमति नहीं बन पाई है। विंध्य से आने वाले राजेंद्र शुक्ल का नाम तो सूची शिवराज ले भी गए थे। लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने कैंची चला दी।
शिवराज कैबिनेट में इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया का वर्चस्व रहेगा। उनके 2 लोग पहले ही कैबिनेट में शामिल हैं। इसके साथ 8 और आज शपथ लेंगे। इसके साथ ही उनके साथ कांग्रेस से आए 3 और लोगों को कैबिनेट में जगह मिलेगी। कुल मिलाकर शिवराज कैबिनेट में सिंधिया के 13 लोग हो जाएंगे।