वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज सर एवरटन वीक्स का बुधवार को 95 साल की उम्र में निधन हो गया। वीक्स को साल 2019 में हार्ट अटैक हुआ था और इसके बाद से ही उनकी तबीयत खराब थी।
एवरटन वीक्स वेस्ट इंडीज के तीन Ws के हिस्सा थे। वीक्स क्लाइड वॉलकॉट और फ्रैंक वॉरेल के साथ बारबेडोस के जन्मे खिलाड़ी थे। इन तीनों में वीक्स को सबसे मजबूत बल्लेबाज माना जाता था। उन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 48 टेस्ट मैच खेले।
वीक्स ने सर क्लाइड वाल्कॉट और सर फ्रैंक वारेल के साथ मिलकर पचास के दशक में विश्व क्रिकेट का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम तैयार किया था। उन्हें कैरेबियाई क्षेत्र में खेलों का ‘जनक’ भी कहा जाता है।
वीक्स, वाल्कॉट और वारेल का जन्म बारबाडोस में अगस्त 1924 से लेकर जनवरी 1926 तक 18 महीनों के अंदर हुआ था और इन तीनों ने 1948 में तीन सप्ताह के अंदर टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
वारेल का 1967 और वालकॉट का 2006 में निधन हो गया था। ब्रिजटाउन का राष्ट्रीय स्टेडियम इन तीनों के नाम पर ‘थ्री डब्ल्यूज ओवल’ के नाम से जाना जाता है।
वीक्स ने 1948-58 के बीच 58.62 के औसत से 4455 रन बनाए। वीक्स ने कुल 15 शतक लगाए। वीक्स का टाइमिंग बहुत अच्छा था और वह बहुत जल्दी गेंद की लेंथ पहचान लेते थे। उन्होंने 152 फर्स्ट-क्लास मैचों में 12010 रन बनाए। इस दौरान उनका बल्लेबाजी औसत 55.34 का रहा। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 36 सेंचुरी लगाईं और उनका सर्वाधिक स्कोर 304 रन रहा।
वीक्स ने लगातार पांच टेस्ट मैचों में शतक लगाने का रेकॉर्ड भी बनाया। उन्होंने इंग्लैंड और भारत के खिलाफ 1948 में पांच शतक लगाए। वीक्स फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी सबसे ज्यादा शतक लगाने का रेकॉर्ड भी बना लेते अगर वह अपनी अगली टेस्ट पारी में 90 के स्कोर पर रन आउट करार नहीं दिया गया होता।
क्रिकेट वेस्टइंडीज के अध्यक्ष रिकी स्केरिट ने वीक्स के निधन पर शोक जताया। स्केरिट ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘ के शानदार खिलाड़ी। एक भद्र पुरुष और बेहतरीन इनसान। वह हमारे क्रिकेट के फाउडिंग फादर थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।’
भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने सोशल मीडिया पर वीक्स की निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, ‘वेस्टइंडीज के दिग्गज सर एवरटन वीक्स के निधन के बारे में खबर सुनी। वह खेल के महान खिलाड़ियों में शामिल थे। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।’
रिटायरमेंट के बाद भी वीक्स भी खेल से जुड़े रहे। उन्होंने बतौर कोच, प्रशासक और मैच रेफरी की भूमिका निभाई। 1979 के वर्ल्ड कप में वह कनाडा के कोच रहे। साल 2009 में उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था। उन्हें 1995 में नाइटवुड यानी सर की उपाधि दी गई थी।