बॉयफ्रेंड को खोकर टूट गई थीं संजय दत्त की बेटी त्रिशाला, इंस्‍टा पर बताया कैसे बीता एक साल

संजय दत्त की बेटी ने बीते साल अपने बॉयफ्रेंड को खो दिया था। अब उनकी डेथ ऐनिवर्सरी पर उन्हें इंस्टा पोस्ट के जरिये याद किया है। त्रिशाला ने लिखा है कि उन्होंने कैसे इस दुख को कैसे डील किया और वह खुद को खुशकिस्मत मानती हैं कि वह उनकी जिंदगी का हिस्सा थे।

बदल गई पूरी जिंदगी
त्रिशाला ने लिखा है, आज उस दिन को एक साल हो गया जब मेरे पैरों के नीचे की जमीन फट गई थी और मेरी जिंदगी बदल गई। मैंने दुख को कम करने के लिए बहुत कुछ किया, टॉक थेरपी से लेकर, सपोर्टिव ग्रुप जॉइन करने तक, किसके साथ और कैसे वक्त बिताना है, यह भी ध्यान रखा। बीते साल में सोशल मीडिया से भी गायब रही। मां को 8 साल की उम्र में खोने और इस पर 2 दशक तक इससे जूझने के बाद, हैरानी की बात है कि मैं इस ब्यूटिफुल सोल को खोने के लिए तैयार नहीं हो पाई। एक साल या 20 साल गुजरने से फर्क नहीं पड़ता। आपको उस डार्क मोमेंट को फेस करना पड़ता है और पूरी जिंदगी इमोशंस के उतार-चढ़ाव को झेलना पड़ता है।

छोड़ दी नौकरी, बढ़ गया वजन
त्रिशाला ने लिखा कि वह इस घटना पर इतना रो चुकी हैं कि उनके आंसू सूख गए थे। उन्होंने यह छोड़कर नौकरी (वह सायकोथेरपिस्ट हैं) छोड़ दी कि वह किसी और की मेंटल हेल्थ का ध्यान कैसे रख पाएंगी जब उनकी खुद ही तबाह हो रखी है। त्रिशाला ने बताया कि वह कई बार पब्लिक प्लेस पर रो पड़ी हैं और लोग उनसे मदद के लिए पूछने तक आ गए। उन्होंने बताया कि उनकी नजर में जो पड़ता वह उसे खाने लगतीं, जिसके चलते उनका वजन 13 किलो बढ़ गया था।

उनकी चीजों को रखती हैं आसपास
त्रिशाला ने अपने 3 दोस्तों, थेरपिस्ट और सपोर्ट ग्रुप का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उन्हें संभाला था। उन्होंने लिखा कि सबके संभलने का प्रॉसेस अलग होता है और वह उन चीजों के आसपास होकर अच्छा महसूस करती हैं जो त्रिशाला को उनके बॉयफ्रेंड की याद दिलाते हैं। उनके हाथ से लिखे और टेक्स्ट मेसेज, उनका टूथब्रश, उनकी टी-शर्ट जिससे बिलकुल उनके जैसी स्मेल आती है। और वह अपने बॉयफ्रेंड के फेवरिट गाने सुनकर भी सुकून पाती हैं।

लिखीं बॉयफ्रेंड की खूबियां
त्रिशाला ने अपने गुजरे बॉयफ्रेंड की तारीफ भी कि है। उन्होंने लिखा है, वह बहुत जेंटलमैन थे, जिसने हमेशा मुझे सेफ फील करवाया। मुझे हंसाया और उन्हें मजाक करना पसंद था। वह दयालु, नम्र, विचारील और हमेशा मुझे प्राथमिकता में रखने वाले थे। वह मदद करने वाले, सपोर्टिव और ग्रेट लिसनर थे। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया, मेरी केयर की और मेरे दिल की भी बहुत अच्छी केयर की। मुझे आदर दिया, कभी जज नहीं किया, अपने परिवार में शामिल किया। कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा, कभी गुस्सा होकर सोने नहीं जाने दिया और कभी सोचने का मौका नहीं दिया कि उनके जीवन में मेरी क्या अहमियत है।

कभी नहीं भूल पाएंगी त्रिशाला
त्रिशाला लिखती, मैं उन्हें कभी भुला नहीं पाऊंगी। उनके बिना मैं अधूरी हूं फिर भी वह खुद को हमेशा सबसे लकी लड़की मानती हूं क्योंकि मैं उनकी थी और वह मेरे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *