इरफान पठान के पास रफ्तार थी। वह गेंद को स्विंग करा सकते थे। बल्ले से भी उपयोगी पारियां खेल सकते थे। उन्हें भविष्य का कपिल देव तक कहा जाने लगा था। गेंद और बल्ले दोनों से वह कमाल दिखा सकते थे। लेकिन इरफान उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाए जिनकी उनसे उम्मीद की जा रही थी। इसके पीछे कई लोगों को कई वजह दिखीं। सबसे सामान्य नजरिया यह था कि तब के कोच ने उनका करियर बर्बाद कर दिया। हालांकि अब इरफान ने इस पर अपनी राय रखी है। और उनकी राय आम जनमानस से अलग है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के एक साल बाद पठान ने कहा कि पूर्व भारतीय कोच चैपल पर उनका करियर बर्बाद करने का आरोप लगाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, ‘यह सच नहीं है कि ग्रैग चैपल ने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। अब चूंकि वह भारतीय नहीं हैं इसलिए उन पर सारा दोष मढ़ना आसान हो जाता है।’ रौनक कपूर के साथ ऑनलाइन शो में बात करते हुए इरफान ने ये बातें कहीं। इरफान ने चैपल के बारे में यह भी कहा कि उन्हें गलत समझा गया।
चैपल साल 2005-07 के बीच भारतीय टीम के मुख्य कोच थे। उनकी कोचिंग का कार्यकाल काफी विवादों भरा रहा। इनमें सौरभ गांगुली को कप्तानी से हटाना भी एक रहा। गांगुली और चैपल के रिश्ते काफी खराब रहे।
वीरेंदर सहवाग और हरभजन सिंह जैसे सितारे खुलकर चैपल की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि चैपल टीम में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे थे। यहां तक कि सचिन तेंडुलकर ने भी चैपल के कार्यकाल पर ‘पानी अब सिर के ऊपर चला गया है।’ जैसी टिप्पणी की थी।
चैपल की आलोचना इसलिए भी की जाती है क्योंकि कहा जाता है उन्होंने पठान को नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए भेजा। कई लोग मानते हैं कि यह पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज का ही आइडिया था।
हालांकि पठान ने इस बात से इनकार किया। उन्होंने कहा कि यह महान खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर का आइडिया था और इसका उनकी गेंदबाजी की फॉर्म में गिरावट से कोई वास्ता नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘सचिन पाजी ने राहुल द्रविड़ को मुझे नंबर तीन पर भेजने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि वह (इरफान) छक्के मारने की ताकत रखते हैं, नई गेंद से तेजी से रन बना सकते हैं और तेज गेंदबाजों को भी अच्छी तरह से खेल सकते हैं, इसलिए उन्हें बल्लेबाजी में ऊपर प्रमोट करना चाहिए।’
पूर्व ऑलराउंडर ने कहा, ‘यह पहली बार तब अमल में लाया गया, जब श्रीलंका के खिलाफ मुरलीधरन अपनी बेहतरीन गेंदबाजी के चरम पर थे और आइडिया उनके खिलाफ आक्रमण करने का था। दिलहारा फर्नांडो ने उस समय स्पिलिट फिंगर के साथ स्लोअर गेंद फेंकने की शुरुआत की थी और बल्लेबाजों को वह भी समझ में नहीं आ रहा था।’
35 वर्षीय पठान ने कहा, ‘इसलिए, सोच यह थी कि अगर मैं इससे निपटने में सफल रहा, तो यह टीम के हित में जा सकता है। खासकर यह देखते हुए कि यह सीरीज का पहला मैच था। इसलिए यह कहना सही नहीं है कि चैपल ने मेरा करियर खराब किया। वह चूंकि भारतीय नहीं थे, तो उन्हें टारगेट करना आसान है।’