हर साल उत्तराखंड में अप्रैल माह के मध्य से चार धाम यात्रा की शुरुआत होती है, जिससे पूरे उत्तराखंड को जीवन दान मिलता है लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी ने इस यात्रा को भी थाम के रख दिया। इसके बाद सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए 1 जुलाई से राज्य स्तर पर ही चार धाम यात्रा शुरू करने का प्रबंध किया, लेकिन अब चार धाम यात्रा का विरोध शुरू हो गया है। बद्री केदार समिति समेत गंगोत्री के रावल भी इसका विरोध कर रहे हैं।
गंगोत्री धाम के रावल ने चार धाम यात्रा शुरू करने का विरोध किया है। गंगोत्री धाम के रावल शिवप्रकाश महाराज ने कहा है कि अभी कोरोना का खतरा कम नहीं हुआ है और अभी ना ही बाजार, होटल और धर्मशाला खुल रही हैं। ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धलुओं के सामने भारी दिक्कतें हैं, इसकी सरकार को चिंता नहीं है।
कई गेस्ट हाउस भी बंदउन्होंने कहा कि हम तो मां गंगा जी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुखद और मंगलमय यात्रा की कामना करते हैं। मगर ऐसे हालात में यात्रा संभव नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 1 जुलाई से ही उत्तराखंड के निवासियों को प्रतिदिन सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को चार धाम यात्रा की अनुमति दी है। चार धाम यात्रा शुरू करने के बाद भी चारों धामो में ज्यादातर बाजार, होटल, गेस्ट हाउस बंद पड़े हुए हैं। यहां तक कि उत्तराखंड सरकार के गढ़वाल विकास निगम के गेस्ट हाउस भी बंद है। ऐसे में यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के सामने खाने पीने की वस्तुओं के साथ ही उनके रुकने का
भी संकट बना हुआ है।