SIT की फर्जी चिट्ठी, 60 शिक्षकों को क्लीन चिट

लखनऊ
आगरा विश्वविद्यालय के बीएड की फर्जी और टेंपर्ड 4, 700 मार्कशीटों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के मामले में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच के बीच में ही एसआईटी के नाम से एक फर्जी चिट्ठी अमरोहा सहित कुछ जिलों में भेज दी गई। चिट्ठी में दावा किया गया है कि लिस्ट में 60 शिक्षकों का नाम गलती से शामिल हो गए हैं, ऐसे में इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए।

गृह विभाग ने इस फर्जी चिट्ठी के बाबत शिक्षा विभाग को अलर्ट किया गया। इसके बाद मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस बारे में सभी बीएसए को निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी के डीआईजी जे. रविंद्र गौड़ ने अपर मुख्य सचिव गृह को एक रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी या टेंपर्ड मार्कशीट के आधार पर नौकरी पाने वाले 60 शिक्षकों को फायदा पहुंचाने के लिए एसआईटी के नाम से फर्जी पत्र जारी करने का मामला सामने आया है।

सूची में शामिल 60 शिक्षकों को निर्दोष बताया
इस पत्र की कॉपियां आगरा विश्वविद्यालय और कुछ जिलों में शिक्षाधिकारियों को भी भेजी गई हैं। पत्र में एसआईटी की सूची में शामिल 60 शिक्षकों को निर्दोष बताया गया है। हालांकि एसआईटी की ओर से ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है। इस संबंध में आगरा में मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है। अमरोहा में भी ऐसी चिट्ठी मिलने पर कार्रवाई की गई है।

रिपोर्ट में एसआईटी ने अनुरोध किया था कि शिक्षा विभाग को भी निर्देश जारी किए जाएं कि ऐसा कोई पत्र मिले तो एसआईटी से पुष्टि की जाए व फर्जीवाड़े के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा विभाग को इस संदर्भ में पत्र लिखा था। इसी कड़ी में मंगलवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय ने सभी बीएसए को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए गए।

1300 से अधिक शिक्षकों पर हो चुका है ऐक्शन
आगरा विश्वविद्यालय में 2004-05 सत्र में बीएड की डिग्रियों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ था। एसआईटी ने इसकी जांच की तो पाया कि 3,637 छात्रों के नाम पर बीएड की फर्जी डिग्रियां जारी की गई थीं। 1024 मार्कशीट में छेड़छाड़ की गई थी। 45 मामले ऐसे थे जिनमें एक ही रोल नंबर पर एक से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी। एसआईटी मामले की जांच कर रही है। इसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में 1300 से अधिक शिक्षकों पर कार्रवाई हो चुकी है।

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