Inside Story: शिव 'राज' में होंगे 2 डेप्युटी CM?

भोपाल
शिवराज कैबिनेट का विस्तार फिर से टल गया है। जानकारी के अनुसार अभी कई चीजों लेकर मामला उलझा हुआ है। मीडिया फ्रेंडली शिवराज अभी मौन हैं। दिल्ली से लौटने के बाद मंगलवार शाम को सिर्फ इतना कहा है कि 1 जुलाई को कैबिनेट का विस्तार नहीं होगा। सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अभी कैबिनेट विस्तार में कई पेंच है। आलाकमान शिवराज के पुराने साथियों को कैबिनेट में शामिल नहीं करना चाहती है।

इसके साथ ही शिवराज सरकार में दो डेप्युटी सीएम को लेकर भी मामला उलझ गया है। गृह मंत्री और सिंधिया के करीबी तुलसी सिलावट डेप्युटी सीएम के दावेदार हैं। नरोत्तम मिश्रा अभी दिल्ली में कैंप किए हुए हैं और पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने के बीजेपी में 22 विधायकों के साथ आने के वक्त 2 डेप्युटी सीएम को लेकर वादा किया था। इसके साथ ही केंद्रीय नेतृत्व शिवराज कैबिनेट में युवा चेहरों को मौका देना चाहती है। ऐसे में शिवराज की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

2 दिन के दिल्ली दौरे के बाद सीएम मंगलवार को भोपाल लौट आए हैं। दिल्ली दौरान के दौरान बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के साथ शिवराज चौहान ने कई मीटिंग की है। साथ ही पीएम मोदी से भी मुलाकात की है। भोपाल में मंगलवार की शाम उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को कैबिनेट का विस्तार नहीं होगा। लेकिन जल्द ही हो जाएगा। बुधवार को प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भोपाल आ सकती हैं।

यहां है पेंच
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने कैंप से एक डेप्युटी सीएम और 11 मंत्री चाहते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर बीजेपी ने 2 डेप्युटी सीएम के फॉर्मूला को नकार दिया है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से प्रदेश के एक सीनियर नेता ने कहा है कि कैबिनेट में 2 डेप्युटी सीएम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है।वहीं, पार्टी नेतृत्व ने शिवराज कैबिनेट में नए चेहरों को मौका देना चाहती है। क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में 17 कैबिनेट मंत्री चुनाव हार गए थे। उसके बाद हम उन्हें इग्नोर नहीं कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व के साथ भी बातचीत के दौरान उन नामों पर चर्चा हुई है, जो शिवराज कैबिनेट में 3 बार से मंत्री रहे हैं।

12 चेहरों पर तैयार नहीं
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान पुराने चेहरों को ही कैबिनेट में रिपीट करना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व उनमें से 12 लोग को ड्रॉप करना चाहती है। इसमें ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जो 3 बार मंत्री रह चुके हैं। वहीं, कई ऐसे विधायक हैं, जिन्हें कभी कैबिनेट में मौका नहीं मिला है।

इस बीच पार्टी के सीनियर नेता गोपाल भार्गव ने तीखा रिएक्शन दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करना अच्छी बात नहीं हैं। बीजेपी वहीं कर रही है, जो पूर्व में कांग्रेस कर चुकी है। वे लोग केंद्रीय फॉर्म्युला को राज्य में नहीं लागू कर सकते हैं।

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