सत्ता की टेंशन, नेपाली PM ओली के सीने में दर्द

नई दिल्लीनेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अंदर उठती इस्तीफे की मांग के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की तबीयत बुधवार को बिगड़ गई। ओली को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, बाद में उन्हें चेक-अप के बाद भेज दिया गया।

पिछले कई महीनों से सरकार की विफलता का आरोप लगाते हुए पार्टी के नेता ओली का इस्तीफा मांग रहे हैं। पिछले दिनों पार्टी के को-चेयर पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने ओली के खिलाफ खुला मोर्चा छेड़ दिया है।

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जानकारी के मुताबिक, नेपाल के पीएम को काठमांडू के शहीद गंगालाल नैशनल हार्ट सेंटर में ले जाया गया। प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया कि उन्हें चेक-अप के बाद भेज दिया गया।

68 साल के ओली ने 2018 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद तबीयत के चलते ही कम्युनिस्ट पार्टी का जिम्मा प्रचंड के साथ साझा करने पर सहमति जताई थी। तब दोनों के बीच बारी-बारी से पीएम बनने का समझौता हुआ था। हालांकि, बाद में दहल पार्टी के को-चेयर पद पर ही रहे। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि पीएम पद छोड़ना उनकी गलती थी।

ओली सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। साथ ही देश में बेरोजगारी और कोरोना वायरस से सही तरीके से नहीं निपटने जैसे आरोपों को लेकर देश में आवाजें उठ रही हैं। जनता सड़कों पर उतर आई है और पार्टी के सीनियर नेताओं ने ही ओली के इस्तीफे की मांग तेज कर दी है। प्रचंड ने कहा था कि अगर ओली ने इस्तीफा नहीं दिया तो वह पार्टी को तोड़ देंगे।

इसके बाद ओली ने भारत की ओर इशारा करते हुए दावा किया था कि काठमांडू के एक होटल में उन्हें हटाने के लिए बैठकें की जा रही है और इसमें एक दूतावास भी सक्रिय है। उन्होंने दावा किया कि कालापानी और लिपुलेख को नेपाली नक्शे में दिखाने वाले संविधान संशोधन के बाद से उनके खिलाफ साजिशें रची जा रही हैं।

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इससे पहले ओली ने आरोप लगाया कि उन्हें पद से हटाने के लिए खुली दौड़ हो रही है। इस पर मंगलवार को हुई बैठक में प्रचंड ने कहा कि भारत ने नहीं बल्कि उन्‍होंने ओली के इस्‍तीफे की मांग की है। प्रचंड ने कहा कि ओली न केवल प्रधानमंत्री के पद से बल्कि पार्टी अध्‍यक्ष के पद से भी इस्‍तीफा दें।

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